उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत की मौत हुई है, कहा जा रहा है कि इन सभी की मौत पुलिस की गोलियों से हुई है, लेकिन पुलिस इससे इंकार कर रही है. पुलिस का कहना है उसने हिंसा को काबू में करने के लिए सिर्फ रबर की गोलियां चलाई, अब इस मामले पर विधानसभा में नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगते हुए दावा किया कि यूपी पुलिस दो असलहे लेकर चलती है. एक कानूनी और दूसरा गैरकानूनी और ऐसे मौकों पर पुलिस गैरकानूनी असलहों से ही गोली चलाती है ताकि उसपर कोई ऊँगली न उठा सके.
बता ददन कि यूपी के संभल में 24 नवंबर को उस वक्त हिंसा हो गई जब एडवोकेट कमिश्नर की टीम शाही जामा मस्जिद में दुबारा सर्वे करने पहुंची. इस सर्वे की जानकारी मिलते ही भीड़ ने एकत्र होकर पहले नारे बाज़ी करनी शुरू की और फिर पुलिस द्वारा खदेड़े जाने पर पथराव शुरू कर दिया और हिंसा और बढ़ गयी. इस पूरे बवाल में 5 लोगों की मौत हो गई वहीँ 20 पुलिसवालों समेत 24 लोग घायल बताये जा रहे हैं. हिंसा की जानकारी लेने के लिए समाजवादी पार्टी का 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को संभल जा रहा है जिसका नेतृत्व नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडेय के करेंगे।
उन्होंने कहा कि सपा प्रतिनिधिमंडल अपने स्तर पर जाकर देखेगा कि पुलिस ने क्या-क्या अत्याचार किए हैं। मारे गए युवकों के परिजनों से मिलेंगे और विस्तृत जानकारी जुटाकर रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि हमने पुलिस से कहा है कि वहां फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं और गिरफ्तारियां की जा रही हैं। पांडेय ने कहा कि हमने अपनी पार्टी के सांसद पर फर्जी मुकदमे का मुद्दा भी उठाया है। पांडेय ने कहा कि पुलिस कभी भी अपने किए की जिम्मेदारी नहीं लेती। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कोई एक-दूसरे पर गोली चला सकता है? आजकल चलन है कि पुलिस दो हथियार (बंदूक) रखती है। एक अवैध हथियार होता है। एक सरकारी हथियार होता है। जब उन्हें गोली चलानी होती है तो अवैध बंदूक से गोली चलाते हैं।