टीम इंडिया के टेस्ट और ODI कप्तान रोहित शर्मा का बल्ला बकौल उनके पिछले 3 महीने से रूठा हुआ है, हालाँकि ज़्यादातर लोग यह अवधि 6 महीने की बता रहे हैं. इस अवधि के दौरान वो बहुत बुरी फार्म से गुज़र रहे हैं यहाँ तक कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम के कप्तान होने के बावजूद उन्होंने खुद को टीम से बाहर कर लिया था. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोहित और विराट की नाकामी के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठा कि यह बड़े नाम वाले खिलाडी रणजी ट्रॉफी क्यों नहीं खेलते हैं. काफी हंगामा होने के बाद बोर्ड ने भी फरमान जारी कर दिया कि अपरिहार्य कारणों के सिवाए सभी को रणजी खेलना ज़रूरी होगा, चाहे वो जितना भी बड़ा प्लेयर क्यों न हो. उसी फरमान का नतीजा है कि आज रोहित शर्मा 9 साल बाद रणजी ट्रॉफी के मैच खेलने मैदान में उतरे मगर उनकी ख़राब फार्म ने यहाँ भी उनका पीछा नहीं छोड़ा और जम्मू कश्मीर की टीम के खिलाफ वो सिर्फ 3 रन बनाकर आउट हो गए. उन्हें उमर नज़ीर ने आउट किया।
रोहित के साथ यशस्वी जायसवाल भी मुंबई के लिए बल्लेबाज़ी करने उतरे और वो भी नाकाम रहे और सिर्फ 4 रन बना सके. रोहित शर्मा के प्रशंसक मैच से पहले काफी खुश नज़र आ रहे थे, उन्हें उम्मीद थी कि उनका हीरो चैंपियंस ट्रॉफी और इंग्लैंड सीरीज़ से पहले फार्म हासिल कर लेगा मगर उन्हें रोहित से बड़ी निराशा मिली। रोहित के लिए भी यह मैच काफी अहमियत रखता है. उनके पास यह एक अच्छा मौका था जब उनके बल्ले से कुछ रन्स निकलते और उन्हें एक आत्मविश्वास हासिल होता, मगर जम्मू कश्मीर के खिलाफ मैच की पारी में तो वो यह मौका गँवा बैठे हैं, अभी पता नहीं कि दूसरी पारी की बारी आएगी या नहीं.
37 साल के होचुके रोहित शर्मा को न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सरजमीं और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज में करारी हार के बाद उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। रोहित पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे में 3 टेस्ट की 5 पारियों में सिर्फ 31 रन बना पाए थे। रोहित 6 फरवरी से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रही तीन मैचों की वनडे सीरीज और उसके बाद चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की कप्तानी करना है, ऐसे में रणजी ट्रॉफी का यह मैच उनके लिए फार्म में वापसी का इकलौता मौका था. रोहित शर्मा ने आखिरी बार नवंबर 2015 में यूपी के खिलाफ रणजी का मैच खेला था.