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विश्व कप ट्रॉफी उठाने के हक़दार हैं रोहित

अमित बिश्नोई
पिछले तीन दशकों में ये पहला मौका है जब दक्षिण अफ्रीका किसी विश्व कप मुकाबले में सेमीफ़ाइनल से आगे बढ़कर फाइनल तक पहुंची है वहीँ भारत के लिए टी 20 विश्व कप में फाइनल खेलने का ये तीसरा और वर्ल्ड कप जीतने का दूसरा मौका होगा। साथ ही एक दशक से भी ज़्यादा अरसे बाद ICC ट्रॉफी उठाने का सुनहरा मौका भी.

यह अपने आप में एक संयोग है कि आज फाइनल खेलने वाली दोनों टीमें अपराजित हैं। श्रीलंका के खिलाफ अपना शुरुआती मैच और अफगानिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल के अलावा दक्षिण अफ्रीका कोई भी मैच आसानी से नहीं जीत सकी है। इसके विपरीत भारत को किसी भी मैच में ज़्यादा संघर्ष का सामना नहीं करना पड़ा है।टीम इंडिया की बात करें तो विराट कोहली ने अबतक बहुत निराश किया है, इसके बावजूद फाइनल में कोई बदलाव होना लगभग असंभव सा है। कप्तान और कोच दोनों को कोहली पर बहुत भरोसा है और दोनों को लगता है कि कोहली आज कुछ बड़ा करने वाले हैं. वहीँ दक्षिण अफ्रीका को इस बात पर विचार करना होगा कि दोनों बाएं हाथ के स्पिनरों के साथ जांय या फिर ओटनील बार्टमैन के रूप में अतिरिक्त तेज गेंदबाज के लिए तबरेज़ शम्सी को बेंच पर बिठाया जाय। हालाँकि शम्सी ने केशव महाराज से ज़्यादा विकेट लिए हैं, लेकिन ज़्यादा रन भी लुटाए हैं, इसलिए यह एक मुश्किल फ़ैसला होगा।

रोहित शर्मा ने 156 के बेहतरीन स्ट्राइक-रेट से 248 रन बनाकर शानदार नेतृत्व किया है। वहीँ दक्षिण अफ्रीका के कप्तान एडेन मार्करम का औसत 17 है. सच कहा जाय तो दक्षिण अफ्रीका के पास टी 20 क्रिकेट के लिहाज़ से जितनी मजबूत बल्लेबाज़ी है, उस तरह का प्रदर्शन अबतक नहीं हो सका है. क्विंटन डिकॉक ने ज़रूर एक दो पारियां खेलीं है, इसी तरह मारक्रम, मिलर और क्लासेन के बल्ले से भी इक्का दुक्का पारियां निकली हैं लेकिन जिस स्तर के वो बल्लेबाज़ हैं उस तरह का मुज़ाहेरा नहीं हो सका है और साउथ अफ्रीका के लिए ये बहुत बड़ा सिरदर्द साबित होने है क्योंकि सामने जो गेंदबाज़ी है वो इस विश्वकप में अबतक असाधारण प्रदर्शन करने वाले रही है। बुमराह हों या फिर अर्शदीप सिंह या फिर उनको सपोर्ट करने वाले हार्दिक पंड्या, तीनों शानदार लय में हैं, यहाँ तक कि मोहम्मद सिराज के लिए जगह नहीं बन पा रही है. इसी तरह दक्षिण अफ्रीका को उस स्पिन तिकड़ी का सामना करना पड़ेगा जिसने विपक्षी बल्लेबाज़ों को नचाकर फेंक दिया है. अक्षर, जडेजा और कुलदीप मिडिल आर्डर को तबाह करने में बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. सोचिये यजुवेंद्र चहल जैसे गेंदबाज़ को अबतक मौका नहीं मिला है ऐसे में दक्षिण अफ़्रीकी गेंदबाज़ों का आज कितना बड़ा इम्तेहान होगा?

बल्लेबाज़ी की तुलना में दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाज़ी ज़रूर धारदार नज़र आ रही है. विशेषकर हेनरिक नॉर्खिया ने पूरे विश्व कप के दौरान शानदार गेंदबाज़ी की है. तबरेज़ शम्सी ने अपनी गेंदबाज़ी से कई मैच जिताये हैं. सेमी फाइनल में रबाडा ने भी शानदार गेंदबाज़ी की थी. लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ी भी कम नहीं है, विराट कोहली के अलावा सभी बल्लेबाज़ कम से कम एक बड़ी पारी तो खेल ही चुके हैं. कप्तान रोहित शर्मा लीडिंग फ्रॉम दि फ्रंट की भूमिका में हैं और ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी कर रहे हैं, उन्हीं के शब्दों में बिंदास। रोहित शर्मा की बात करें तो ये उनके लिए बहुत बड़ा मौका है. उनके पास 12 साल से चले आ रहे ICC टूर्नामेंट के खिताबी सूखे को ख़त्म करने का मौका है, उनके पास धोनी और कपिलदेव की कतार में खड़ा होने का मौका है. दरअसल रोहित शर्मा टी 20 विश्व कप की ट्रॉफी उठाने के हक़दार भी हैं, उनके पास कई बार ये मौका आया लेकिन लबों तक आते आते जाम छलक गया. इसबार उन्हें ये मौका नहीं गंवाना चाहिए, इसबार चैंपियन बनने का जाम उन्हें छलकने नहीं देना है वरना अगला मौका उन्हें मिले न मिले कहा नहीं जा सकता। फिलहाल तो सबकुछ भारत के पक्ष में ही दिखाई दे रहा है, उसके सामने एक ऐसी टीम है जो चोकर्स का टैग हटाकर पहली बार विश्व कप के फाइनल में पहुंची है हालाँकि अविजित होने के बावजूद वो लड़खड़ाती हुई ही यहाँ तक पहुँच सकी, यहाँ से इतिहास बनाने के लिए उसे खेलना भी अच्छा होगा और इस बात की भी प्रार्थना करनी होगी कि जैसे पिछले कई मैचों में भाग्य ने उसका साथ दिया, एकबार और दे दे. बारबाडोस के बारे में यही बात कही जा रही है कि गेंदबाज़ निर्णायक भूमिका निभाएंगे। टी 20 विश्व कप की बात करें तो भारत और साउथ अफ्रीका के बीच अबतक 6 मुकाबले हुए हैं जिनमें भारत को चार और दक्षिण अफ्रीका को दो मैचों में कामयाबी मिली है. देखना होगा कि बारबाडोस में आज भारत को दूसरा ख़िताब मिलता है या फिर साऊथ अफ्रीका को अपना पहला।

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