आखिर RCB ने अपना पहला प्रीमियर लीग खिताब जीत ही लिया। ये अलग बात है कि RCB के लिए ये काम विराट या ABD ने नहीं बल्कि स्मृति मंधाना ने अंजाम दिया। जी हाँ मंधाना के नेतृत्व में RCB की टीम ने दिल्ली कैपिटल्स को एक रोमांचक फाइनल में 3 गेंद शेष रहते आठ विकेट से हराकर WPL का अपना पहला खिताब जीत लिया। इस तरह RCB के लिए खिताबी सूखे का खात्मा हुआ. आईपीएल न सही WPL तो उसकी झोली में आ ही गया.
अच्छी शुरुआत करने के बावजूद दिल्ली कैपिटल्स आरसीबी के स्पिनरों का सामना सही ढंग से न कर सकी और इस साल भी खिताब से चूक गयी। पिछले साल उसे फाइनल में मुंबई इंडियंस से हार मिली थी। दूसरी तरफ आरसीबी का WPL में यह पहला फाइनल था जिसे दबाव के बावजूद आखिर में उसने जीत लिया।
दिल्ली कैपिटल्स पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 18.3 ओवर में महज 113 रन पर सिमट गयी। इस छोटे लक्ष्य का पीछा करने उतरी आरसीबी शुरूआत काफी धीमी रही यही वजह है कि लक्ष्य हासिल करने में उसे 19.3 ओवर लग गए और दो विकेट गंवाने पड़े। ऋचा घोष (नाबाद 17 रन) ने टीम के लिए विजयी चौका जड़ा। कप्तान स्मृति मंधाना ने बिना जोखिम भरी पारी खेलते हुए 39 गेंद में 31 रन बनाये अलबत्ता सोफी डिवाइन ने आक्रामक पारी खेलते हुए 27 गेंद में पांच चौके और एक छक्के से 32 रन का योगदान दिया। एलिसे पैरी 35 रन बनाकर नाबाद रहीं।
इससे पहले टॉस जीतकर दिल्ली कैपिटल्स ने पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया। शुरुआत काफी शानदार रही. सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा (44 ) और कप्तान मेग लैनिंग (23) ने 64 रनों की शानदार शुरुआत दी. लेकिन इसके बाद विकटों की पतझड़ शुरू हुई और 49 रन और जोड़कर पूरी टीम आउट हो गयी। RCB के लिए आस्ट्रेलिया की सोफी मोलिनू ने 20 रन देकर तीन विकेट हासिल किये, सोफी ने आठवें ओवर में दिल्ली कैपिटल्स तीन विकेट चटकाकर बल्लेबाजी क्रम को तहस नहस कर दिया। लगातार तीन झटकों के बाद दिल्ली की टीम फिर अपने पैरों पर कड़ी न हो सकी. श्रेयंका पाटिल ने 3.3 ओवर में 12 रन देकर चार विकेट झटके।
मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी सोफी मोलिनेक्स को, प्लेयर ऑफ द सीरीज दीप्ति शर्मा और श्रेयंका पाटिल को टूर्नामेंट की उभरती हुई खिलाड़ी चुना गया। फेयरप्ले अवॉर्ड भी आरसीबी के खाते में गयी। सबसे ज़्यादा 13 विकेट लेने वाली श्रेयंका को पर्पल कैप दिया गया वहीँ सबसे ज़्यादा 347 रन बनाने वाली एलिसे पेरी को ऑरेंज कैप से नवाजा गया।