राजस्थान में सत्ता से पांच सालों दूर भाजपा वापसी के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही है लेकिन उसकी इस कोशिश में पार्टी के क्षत्रप ही रोड़ा डाले हुए हैं. वसुंधराराजे सिंधिया और सतीश पुनिया की अदावत जग ज़ाहिर है और अब भाजपा सांसद किशोरीलाल मीणा अपनी राह अलग पकडे हुए हैं और सतीश पुनिया के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, सतीश पुनिया राज्य भाजपा और दिल्ली नेतृत्व की आँखों का तारा हैं. राजस्थान में किशोरीलाल मीणा और सतीश पुनिया गेहलोत सरकार के खिलाफ एक ही मुद्दे पर अलग अलग विरोध प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे हैं और इन विरोध प्रदर्शनों में एक दुसरे के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. भाजपा में चल रही गुटबाज़ी को लेकर अब नेतृत्व भी नाराज़ नज़र आ रहा है और फैसला किया गया है कि प्रदेश में कोई प्रदर्शन बिना प्रदेश अध्यक्ष की अनुमति के चलाने की इजाज़त नहीं होगी।
कतरे जायेंगे भाजपा सांसद के पर
बता दें कि वीरांगनाओं को लेकर बीजेपी से राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, इसी मुद्दे पर सतीश पुनिया भी प्रदर्शन कर रहे हैं. किशोरीलाल मीणा के प्रदर्शन में सतीश पुनिया के खिलाफ खूब नारेबाजी हुई जिसे लेकर अब राज्य भाजपा इकाई की भौंहे तनी हुई और सांसद के पर कतरने की तैयारी में जुट गयी है. राजस्थान में पेपर लीक मामले को लेकर भी सांसद किशोरीलाल मीणा ने सतीश पूनिया पर निशाना साधा था। किरोड़ी लाल ने इस मुद्दे पर सतीश पूनिया का सहयोग न मिलने का आरोप लगाया।
प्रदर्शन से पहले लेनी होगी इजाज़त
कहा जा रहा है कि सांसद किरोड़ीलाल मीणा पार्टी से बिना इजाज़त लिए ही व्यक्तिगत प्रदर्शन करते रहे हैं, फिर वो चाहे पेपर लीक का मामला हो या फिर वीरांगनाओं से जुड़ा मुद्दा। भाजपा सांसद के प्रदर्शन हुई नारेबाजी की वजह से पार्टी को कई बार बैकफुट पर आना पड़ा। वीरांगनाओं से जुड़े मुद्दे पर एक प्रदर्शन के दौरान तो दोनों के समर्थकों में झड़प भी हो गयी जिसकी वजह से पार्टी को कई लोगों निलंबित भी करना पड़ा. जानकारी के मुताबिक इस तरह की घटना दोबारा न हो इसके लिए अब किसी को भी बड़े प्रदर्शन से पहले प्रदेश अध्यक्ष से अनुमति लेनी होगी।