बांग्लादेश ने भारत पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि पडोसी देश अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा पर “दोहरे मानदंड” अपनाता है इसके साथ ही भारतीय मीडिया पर ढाका के खिलाफ “व्यापक पैमाने पर गलत सूचना अभियान” चलाने का आरोप भी लगाया। हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर उपजे विवाद के बीच बांग्लादेश की यूनुस सरकार के कानूनी मामलों के सलाहकार आसिफ नजरुल ने फेसबुक पर अपनी एक पोस्ट में कहा कि भारत की बेवजह चिंता जारी है। बांग्लादेश में हिन्दू पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
Voice of America Bangla Bangla के एक सर्वे का हवाला देते हुए आसिफ नजरुल ने लिखा कि अधिकांश बांग्लादेशी मानते हैं कि अंतरिम सरकार पिछली अवामी लीग सरकार की तुलना में देश के अल्पसंख्यक समुदायों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम रही है। यूनुस सरकार चीफ एडवाइज़र यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा कि हमें अपनी कहानियों को अपने तरीके से बताना चाहिए वरना भारतीय मीडिया हमारी कहानी अपने तरीके से बताएगा।
शफीकुल आलम ने कहा कि भारतीयों को मालूम होना चाहिए कि उनके पडोसी देश में भी समझदार लोग रहते हैं जहाँ कुछ महीने पहले लोगों ने मानव इतिहास की सबसे बेहतरीन क्रांतियों में से एक में क्रूर तानाशाही को उखाड़ फेंका था। आलम ने कहा कि कुछ लोग सोच सकते हैं कि भारतीय ज़्यादा समझदार लोग हैं। लेकिन मेरा विश्वास करें कि अगर आप सत्य से सशक्त हैं, तो कोई भी गलत सूचना अभियान आपको रोक नहीं सकता। उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब छात्रों के एक समूह ने ढाका विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया और बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में भारत के कथित हस्तक्षेप का विरोध करने का आह्वान किया।