कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल में भले ही बहुमत हासिल कर लिया हो लेकिन सरकार बनाने से पहले मुखिया का चयन उसके लिए बहुत बड़ी समस्या बन रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री पद के लिए पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह सांसद पत्नी प्रतिभा सिंह के अलावा प्रचार समिति के प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम सामने आने से टकराव की स्थिति बन गयी है. वहीँ आज कांग्रेस पर्यवेक्षकों के साथ विधायकों की बैठक जो तीन बजे से शुरु होने वाली थी शुरू हो चुकी है, इससे पहले होटल में सीएम पद की दावेदार प्रतिभा सिंह ने भूपेंद्र हुड्डा, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और हिमाचल के चुनाव प्रभारी राजीव शुक्ला से मुलाकात कर अपनी बात रखी, इस बीच प्रतिभा सिंह के समथकों की होटल में नारेबाजी चलती रही.
आला कमान के सामने क्या परेशानी
प्रतिभा सिंह का कहना है कि इसबार का चुनाव वीरभद्र सिंह के नाम पर लड़ा गया इसलिए मुख्यमंत्री भी उन्ही के परिवार का होना चाहिए। इससे पहले उन्होंने कहा था कि उनमें सरकार चलाने की क्षमता है. वहीँ आला कमान के सामने समस्या यह है कि वो प्रतिभा सिंह से इस्तीफ़ा दिलाकर उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहता, प्रतिभा सिंह मंडी लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और विधानसभा चुनाव में मंडी क्षेत्र कि 10 में से 9 सीटों पर हार मिली है. इसलिए पार्टी हाई कमान को नहीं लगता कि मंडी लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए यह सही समय होगा।
25 विधायकों के समर्थन का दावा
वहीँ प्रतिभा सिंह का दावा है कि कांग्रेस पार्टी के जीते 40 विधायकों में 25 वीरभद्र सिंह के समर्थक हैं इसलिए दावा तो उनके परिवार का ही बनता है, हालाँकि होटल में कांग्रेस के नेताओं से बैठक के बाद निकलने पर उन्होंने कहा कि नाराज़गी जैसी कोई बात नहीं है, मैंने अपनी बात पर्यवेक्षकों के सामने रख दी है कि लोग क्या चाहते हैं बाकी फैसला आला कमान करेगा. प्रतिभा सिंह ने कल भी कहा था कि वीरभद्र सिंह की विरासत को नज़अंदाज़ करना विधायकों को पार्टी आला कमान के लिए मुश्किल होगा.