राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि 2 अक्टूबर को धरातल पर आने वाली बिहार की नयी राजनीतिक पार्टी जन सुराज अगले साल बिहार विधानसभा चुनाव में कम से कम 40 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का इरादा रखता है इसके साथ पीके ने राष्ट्रीय जनता दल को चुनौती भी दी कि वह मुसलमानों का मसीहा बनने का दिखावा करने के बजाय सामाजिक न्याय की अपनी बात पर चले।
प्रशांत किशोर ने अल्पसंख्यक समुदाय के वोटों को “विभाजित” करने और राज्य में भाजपा के मुख्य प्रतिद्वंद्वी राजद को नुकसान पहुंचाने के आरोप का खंडन करते हुए कहा कि जन सुराज उन सीटों पर मुसलमानों को मैदान में नहीं उतारेगा जहां राजद के उम्मीदवार इस समुदाय से आते हैं।
प्रशांत किशोर ने पटना में संवाददाताओं से कहा कि जन सुराज 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में कम से कम 40 मुसलमानों को टिकट देने का इरादा रखती है । संगठन के नेतृत्व में भी इस समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा।” प्रशांत किशोर रविवार की रात जन सुराज द्वारा आयोजित “राजनीति में मुसलमानों की भागीदारी” विषय पर एक संगोष्ठी के बाद बोल रहे थे। प्रशांत किशोर ने बताया कि वर्तमान विधानसभा में केवल 19 मुस्लिम सदस्य हैं, जबकि मुसलमान राज्य की कुल आबादी का लगभग 20 प्रतिशत है।
प्रशांत किशोर ने आरजेडी के इस आरोप पर नाराजगी जताई कि उनका मुस्लिम संपर्क केवल वोटों को विभाजित करने और अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा की मदद करने के उद्देश्य से है। पीके ने कहा, अगर आरजेडी को यही डर है, तो मैं उन्हें पर्याप्त संख्या में मुसलमानों को टिकट देने की चुनौती देता हूं। उन्होंने कहा कि मैं वादा कर सकता हूं कि अगर वो मुसलमानों को पर्याप्त संख्या में टिकट देते हैं तो जन सुराज उन सभी सीटों पर मुसलमानों को नहीं उतारेगा जहां उनका उम्मीदवार मुस्लिम समुदाय से होगा । वहां हम एक हिंदू को मैदान में उतारेंगे।