मृत आत्माओं को श्रद्दांजलि देना तो पुण्य कार्य ही माना जाता है लेकिन जब यह हस्ती राजनीती से जुडी हुई हो और श्रद्धांजलि भी एक धुर विरोधी विचारधारा से दी जा रही हो, माहौल राजनीतिक हो तो ऐसी श्रद्धांजलियों और मरणोपरांत मान-सम्मान को राजनीतिक चश्में से देखा जाता है, फिर वो चाहे सरकार द्वारा पद्म सम्मान की घोषणा हो क्यों न हो. यहाँ बात समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव की हो रही है जिन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक बैठक जो आज से हरियाणा के पानीपत में शुरू हुई, में श्रद्धांजलि दी गयी, उनके साथ ही दिवंगत समाजवादी नेता शरद यादव को भी याद किया गया.
14 मार्च तक चलेगी बैठक
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की यह वार्षिक बैठक पानीपत के समालखा एरिया में आज से शुरू हुई है जो 14 मार्च तक चलेगी. बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले समेत संघ के सभी सह सरकार्यवाह, संगठन की अखिल भारतीय कार्यकारिणी, क्षेत्रीय व प्रांतीय कार्यकारिणी, संघ के निर्वाचित प्रतिनिधियों के अलावा सभी विभाग प्रचारक शामिल हो रहे हैं. इस बैठक में संघ के 1400 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं. संघ की इस बैठक को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बताया जा रहा कि इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी को तीसरी बार सत्ता में लाने के लिए रोड मैप तैयार किया जायेगा.
बदले जा सकते हैं कुछ चेहरे
बैठक में संघ, सरकार और भाजपा के बीच समन्यवक की भूमिका निभा रहे कुछ लोगों को बदला जा सकता, कुछ लोगों को नयी ज़िम्मेदारियाँ दी जा सकती हैं. जानकारी के मुताबिक उद्घाटन सत्र के बाद 14 मार्च तक लगातार चर्चाओं के दौर चलेंगे. संघ के पिछले साल के कामकाज की समीक्षा के साथ-साथ आने वाले वर्ष की कार्य योजना पर भी मंथन होगा. इसके अलावा 2025 तक नये लोगों को संगठन से जोड़ने का लक्ष्य सामने रख कर योजना बनाई जाएगी.