आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर कोलकाता में कहा कि हमें नेताजी के सपने को साकार करना है. किस्मत ने अगर उनका साथ दिया होता तो देश 1947 से पहले ही आज़ाद हो गया होता. संघ प्रमुख ने कहा कि नेताजी जो काम करते थे संघ आज वही काम कर रहा है. नेता जी की तरह संघ भी देश को समृद्ध देखना चाहता है.
लगभग एक है संघ और नेता जी की विचारधारा
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विचारधारा संघ की विचारधारा से ज़्यादा अलग नहीं है,संघ की शाखाएं नेताजी के दिखाए रास्ते पर चलती रही हैं. दरअसल मोहन भागवत के इस बयान को नेता जी की बेटी की उस बात का जवाब माना जा रहा है जिसमें अनिता बोस फाफ ने कहा था कि नेताजी और आरएसएस की विचारधाराएं अलग हैं और दोनों की विचारधाराओं में किसी तरह की समानताएं नहीं है. भागवत ने कहा कि मंज़िल पर पहुँचने का रास्ता कभी मुश्किल होता है तो कभी आसान लेकिन मंजिल हमेशा एक ही होनी चाहिए. सुभाष चंद्र बोस की जो मंज़िल थी वो संघ की मंजिल है और हम वही करते हैं.
सभी का लक्ष्य एक था
विश्व मंच पर भारत की स्थिति के बारे में संघ प्रमुख ने कहा भारत ने पूरी दुनिया को धर्म सिखाया है. यह धर्म न्याय के बारे में है जो दुनिया को एकता सिखाता है. हम उसी भारत के निर्माण की तरफ बढ़ रहे हैं और दुनिया भारत की ओर आशाभरी नज़रों से देख रही है. मोहन भागवत ने कहा कि अगर किस्मत नेताजी के साथ होती तो वह हमारे क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ सकते थे. संघ प्रमुख ने आगे कहा कि नेता जी और कांग्रेस स्वतंत्रता आंदोलन को एक मंच पर ले गए लेकिन बाद में नेताजी को एहसास हुआ कि अहिंसा नहीं बल्कि एक हथियारबंद आंदोलन की जरूरत है. लक्ष्य सभी का एक ही था बस रास्ते अलग थे.