भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में राहुल गाँधी का दामोदर सावरकर की अंग्रेज़ों को लिखी चिट्ठी का पढ़ना महाराष्ट्र विकास अघाड़ी में दरार की वजह बन सकता है. इस गठबंधन की महत्वपूर्ण पार्टी शिवसेना को राहुल गाँधी का सावरकर पर बोलना पसंद नहीं आया है. शिवसेना संसद संजय राउत का कहना है कि कांग्रेस नेता को सावरकर पर बोलने की ज़रुरत ही क्या थी, उनकी भारत जोड़ो यात्रा सही दिशा में जा रही थी, उन्हें मालूम है कि सावरकर शिवसेना के आदर्श हैं ऐसे में राहुल का बयान MVA में दरार की वजह बन सकता है.
राजनीति के लिए भाजपा करती है सावरकर के नाम का इस्तेमाल
सावरकर पर संजय राउत ने भाजपा को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सावरकर कभी भी भाजपा या आरएसएस के आदर्श पुरुष नहीं रहे. सावरकर के अखंड भारत के विचार के अकेले समर्थक बालासाहेब ठाकरे थे. भाजपा सावरकर के नाम का इस्तेमाल सिर्फ राजनीति के लिए कर रही है. संजय राउत ने एकबार फिर कहा कि दामोदर सावरकर को भारत रत्न मिलना चाहिए, अब तो केंद्र में भाजपा सरकार है फिर क्या दिक्कत है.
राहुल ने मीडिया के सामने पढ़ी थी चिट्ठी
बता दें कि राहुल गाँधी ने कल एक पत्रकार वार्ता में दामोदर सावरकर की उस चिट्ठी को पढ़ा जिसमें उन्होंने अंग्रेज़ी सरकार से माफ़ी मांगी थी और हमेशा उसकी मदद करने का वादा किया था. राहुल ने चिठ्ठी पढ़ने के बाद यह भी कहा था कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री इन चिट्ठियों को खुद भी पढ़ सकते हैं और संघ प्रमुख मोहन भागवत को भी पढ़ा सकते हैं.
कांग्रेस का संजय राउत पर पलटवार
शिवसेना सांसद के इस बयान पर महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने कहा कि MVA का गठबंधन भाजपा को बाहर रखने के लिए हुआ था पार्टी की विचारधारा को बाहर करने के लिए नहीं. सावरकर पर संजय राउत की पार्टी के अपने विचार हो सकते हैं. सावरकर पर हमारी पार्टी के जो विचार हैं हमारे नेता उसे रख रहे हैं. आपको कोई समस्या है तो उसे बातचीत से सुलझाइये, दरार जैसी बातें करना फिजूल की बातें हैं.