जड़ता ने बर्बाद कर दी बिहार की राजनीति: PK

बिहार में अपनी राजनीतिक ज़मीन की तलाशने के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपने तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक साढ़े तीन हज़ार किलोमीटर की पदयात्रा का अभियान शुरू कर दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति को 'जड़ता' की स्थिति ने बर्बाद कर के रख दिया है, सिर्फ कुछ सौ परिवारों के बीच सिमट कर रह गयी है बिहार की राजनीती.
गाँधी जयंती के अवसर पर शुरू होने वाली इस पदयात्रा के लिए प्रशांत किशोर का यह जनसम्पर्क अभियान है. प्रशांत किशोर ने कहा कि साथ की दहाई तक बिहार एक खुशहाल राज्य था लेकिन उसके बाद स्थितियां बिगड़नी शुरू हुईं और विकास हर पैमाने पर इसका पतन होता चला गया और इसकी एक बड़ी वजह राजनीतिक अस्थिरता रही , बिहार में1967 से 90 तक 20 से ज़्यादा सरकारें आयी और गयीं। और उसके बाद राजद आने 15 साल और नितीश कुमार जेडीयू के 15 साल के कार्यकाल में भुखमरी और गरीबी का एक नया अध्याय लिखा गया. और इसकी वजह यह रही कि पिछले 30 वर्षों के दौरान सरकार का प्रतिनिधित्व प्रदेश के सिर्फ कुछ सौ परिवारों ने ही किया जो राजनीतिक जड़ता को दर्शाता है.
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प्रशांत किशोर ने कहा की इससे फर्क नहीं पड़ता कि मुख्यमंत्री कौन है, बिहार में तीन करोड़ परिवार हैं, अपने आप में यह एक बड़ा सवाल है कि इतनी राजनीतिक जड़ता क्यों? PK ने सवाल किया कि बिहार में पिछ्ला सामाजिक या राजनीतिक आंदोलन कब हुआ था? 1970 से लगातार यही स्थिति बानी हुई है। प्रशांत किशोर ने अपनी राजनीतिक प्रेरणा के लिए महात्मा गाँधी और उस समय की कांग्रेस का नाम लिया क्योंकि उस समय की कांग्रेस किसी एक परिवार पर आश्रित नहीं थी.
बता दें कि प्रशांत किशोर कुछ दिनों पहले आज की परिवारवादी कांग्रेस पार्टी का हिस्सा बनने जा रहे थे , मगर कुछ मुद्दों पर जब बात नहीं बनी तो उन्होंने अकेले ही चलने का फैसला कर लिया और अपने राजनीतिक सफर के लिए अपने गृह राज्य बिहार को चुना.