मुंबई: शिवसेना ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आंदोलनरत किसानों की भावनाओं का सम्मान करने और नए विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने का आग्रह किया और कहा कि ऐसा करने से उनका कद और बड़ा हो जाएगा। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में केंद्र सरकार पर उच्चतम न्यायालय का इस्तेमाल कर किसानों के प्रदर्शन को खत्म करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया गया।
दोलन को देशद्रोह का रंग देने की राजनीति
संपादकीय में कहा गया कि उच्चतम न्यायालय के समक्ष केंद्र का यह दावा भी चौंकाने वाला है कि किसानों के प्रदर्शन में खालिस्तानी घुसे हुए हैं। उसमें यह आरोप लगाया गया, “यदि खालिस्तानियों ने विरोध प्रदर्शन में घुसपैठ की है, तो यह सरकार की ही विफलता है। सरकार विरोध को समाप्त नहीं करना चाहती है और आंदोलन को देशद्रोह का रंग देकर राजनीति करना चाहती है।”
50 दिन से जारी है आंदोलन
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अगले आदेश तक नए कृषि कानूनों के लागू करने पर रोक लगा दी और दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदार्शन कर रहे किसानों की यूनियनों और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध को हल करने के लिए चार सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया। संपादकीय में कहा गया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बावजूद इस मुद्दे पर गतिरोध जारी है ।