त्रिपुरा में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल आशंकाएं अब समाप्त हो गयी हैं क्योंकि त्रिपुरा विधायक दल की बैठक में माणिक साहा को नेता चुन लिया गया है. इसका मतलब है माणिक साहा दोबारा मुख्यमंत्री पद की ज़िम्मेदारी संभालने जा रहे हैं. नयी सरकार का शपथ ग्रहण 8 मार्च को होगा जिसमें प्रधानमंत्री मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा भी शामिल होंगे। कहा जा रहा है कि माणिक साहा के बारे विधायकों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री पद को लेकर था मतभेद
बता दें कि इससे पहले ख़बरें आ रही थी कि मुख्यमंत्री के पद पर विधायकों में सर्वसम्मति नहीं बन पा रही है, इस नए संकट को हल करने के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को ज़िम्मेदारी सौंपी की गयी थी, बाद में इस मामले में अमित शाह ने भी दखल दिया। हालाँकि ये कहा जा रहा था कि माणिक साहा को केंद्रीय नेतृत्व और पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब का समर्थन प्राप्त है, फिर भी पार्टी सर्वसम्मति का सन्देश देना चाहती थी यही वजह थी कि असंतोष को ख़त्म करने के लिए बड़े नेताओं को सामने आना पड़ा.
कांग्रेस से भाजपा में आये थे माणिक साहा
बता दें कि जब मई 2022 में तत्कालीन सीएम बिप्लब कुमार देब ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया था तब कुछ घंटों में पार्टी ने अगला माणिक साहा को अगला मुख्यमंत्री घोषित किया था. माणिक साहा वर्ष 2016 में भाजपा में शामिल हुए थे इससे पहले वो कांग्रेस पार्टी में थे. माणिक साहा को मुख्यमंत्री बनने से एक महीने पहले ही राज्यसभा सांसद चुना गया था. 2020 में उन्हें त्रिपुरा में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. लेफ्ट के 25 सालों के शासन को समाप्त कर भाजपा ने पिछली बार इस पहाड़ी राज्य में सरकार बनाई थी और उसे इस बार भी बरकरार रखा है.