नागपुर में महाराष्ट्र विधान परिषद सीट के चुनाव में विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के प्रत्याशी ने जीत दर्ज कर भाजपा को बहुत बड़ा झटका दिया है क्योंकि नागपुर आरएसएस का गढ़ है, भाजपा के दो कद्दावर नेताओं केंद्रीय गृहमंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का गृह क्षेत्र भी है. इसके साथ ही शिवसेना से बगावत कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने वाले एकनाथ शिंदे के लिए भी यह हार एक बहुत बड़ा झटका मानी जा रही है. इस चुनाव में नागपुर टीचर्स सीट पर महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के सुधाकर अदबले ने बीजेपी समर्थित नागो गनार पर जीत दर्ज की.
MVA का उम्मीदवार जीता
उच्च सदन के लिए द्विवार्षिक चुनाव मुख्य रूप से गठबंधन सरकार और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के समर्थित उम्मीदवारों के बीच थे. इसमें शिक्षकों से तीन और स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों से दो शामिल हैं जिनका कार्यकाल 7 फरवरी को समाप्त हो रहा है, इसके लिए सोमवार को वोटिंग हुई थी. कोंकण टीचर्स निर्वाचन क्षेत्र में सर्वाधिक 91.02 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि नासिक डिवीजन ग्रेजुएट सीट पर पर सबसे कम 49.28 फीसदी मतदान हुआ.
नासिक में नज़दीकी मुकाबला
वहीँ कोंकण, नागपुर और औरंगाबाद डिवीजन में क्रमश: 91.02 , 86.23 और 86 .00 वोटिंग हुई. नागपुर के अलावा एक और नज़दीकी मुकाबला नासिक डिवीजन स्नातक सीट पर हुआ. यहां पर तीन बार के विधान परिषद सदस्य सुधीर तांबे कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार थे लेकिन उन्होंने नामांकन दाखिल करने से इंकार कर दिया. सुधीर तांबे के चुनाव से बाहर रहने पर उनके पुत्र सत्यजीत तांबे ने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया. जानकारियों के अनुसार सत्यजीत तांबे इस समय चुनाव में बढ़त बनाए हुए हैं वहीँ कांग्रेस पार्टी ने बाद में दोनों को सस्पेंड कर दिया.