राजनीतिक पार्टियों में अक्सर नेता अपनी अनदेखी का आरोप लगाते रहते हैं, केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा भी इससे अलग नहीं है, हालाँकि भाजपा में ऐसे नेता बहुत कम ही हुए हैं जो सामने आकर अपने को दरकिनार कहे जाने की बात सामने आकर करते हैं. बिहार के सारण से भाजपा के सांसद राजीव प्रताप रूडी ऐसे ही भाजपा नेता हैं जिन्होंने सामने आकर पार्टी में अपनी अनदेखी और नज़रअंदाज़ किये जाने की बात कही है.
मंच पर बुलाने के काबिल भी नहीं समझा
दरअसल रूडी को 28 और 29 जनवरी को आयोजित बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में कोई भाव नहीं दिया गया, उन्हें मंच पर बिठाने के काबिल नहीं समझा गया. यह बात रूडी को बहुत चुभी और वो नाराज़ बताये जा रहे हैं. पानी नाराज़गी का इज़हार भी उन्होंने अपने ही अंदाज़ में शुरू कर दिया है. वो स्पष्ट रूप से कहते हैं कि पार्टी में अब उनका महत्त्व नहीं रह गया है. बिहार के दरभंगा में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि 28 और 29 जनवरी को बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में वो पहुंचे थे और और एक आम कार्यकर्ता की तरह मंच के सामने बैठकर लोगों का भाषण सुनकर चले आये.
हमारा, आपका अब क्या महत्त्व
रूडी ने कहा कि किसी ने उन्हें मंच पर बुलाने के काबिल भी नहीं समझा। उन्होंने कटाक्ष भरे शब्दों में कहा कि उन्हें इस बात की कोई तकलीफ नहीं कि वो आप लोगों के बीच बैठे रहे, और तकलीफ किस बात क्योंकि मैं चाहे आप हों, अब कोई महत्त्व तो रह नहीं गया. लोग सीढ़ी लगाकर ऊपर चढ़ते हैं, आपका काम सीढ़ी लगाना है, सीढ़ी बनना है और उन्हें चढ़ना है. रूडी ने कहा हम अटल जी के सरकार में मंत्री रहे, मोदी जी की सरकार में भी मंत्री रहे. अब लोग तो यही कहेंगे कि रूडी को भाजपा के एजेंडा से बाहर कर दिया गया है.