राजयपाल के खिलाफ DMK नेता की विवादस्पद टिप्पणी पर तमिलनाडु भाजपा ने पलटवार करते हुए बड़ा आरोप लगाया कि DMK का आतंकवादियों से रिश्ता है. भाजपा का कहना है कि DMK नेता पिछले 60 वर्षों से इसी तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग करते आ रहे हैं क्योंकि उनके डीएनए में यह सब है. दरअसल कृष्णमूर्ति ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर राज्यपाल अपने विधानसभा भाषण में अंबेडकर का नाम लेने से इनकार करते हैं, तो क्या मुझे उन पर हमला करने का अधिकार नहीं है?” कृष्णमूर्ति ने यही पर नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि अगर राज्यपाल तमिलनाडु सरकार द्वारा दिए गए भाषण को नहीं पढ़ते हैं तो कश्मीर जाएं, हम आतंकवादी भेजेंगे जो आपको मार गिरा सकें।
कांग्रेस लेफ्ट DMK के साथ
कृष्णमूर्ति के इस विवादस्पद बयान पर तमिलनाडु BJP उपाध्यक्ष नारायण थिरुपति ने इसे DMK की संस्कृति बताया। उन्होंने कहा कि शिवाजी कृष्णमूर्ति ने राज्यपाल को गाली दी थी और मारने की बात कही। उन्हें सवाल किया कि डीएमके का आतंकवादियों के साथ कोई संबंध है? इस बीच इस विवाद पर कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के सदस्यों ने शुक्रवार को तमिलनाडु के राज्यपाल के खिलाफ राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
अभिभाषण पर बवाल
तमिलनाडु के विधायक थिरु एन इरमाकृष्णन ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया, जिसमें उनके कृत्य पर ‘खेद’ शब्द का ज़िक्र किया गया है। 9 जनवरी को राज्यपाल टी एन रवि ने ये कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि राज्य के लिए ‘थमिज़गम’ नाम अधिक उपयुक्त होगा। सोमवार को सदन के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल की टिप्पणी ने सत्ता पक्ष से हंगामा शुरू कर दिया। सत्ताधारी DMK और उसके सहयोगी दलों कांग्रेस और वीसीके के विधायकों ने राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर वॉकआउट किया।