पूर्वोत्तर में भाजपा शासित और भाजपा समर्थित दो राज्य सीमा विवाद को लेकर फिर आमने सामने आ गए हैं. अभी ताज़ा ताज़ा मेघालय के दोबारा मुख्यमंत्री बने कोनराड संगमा ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के उस दावे को ख़ारिज कर दिया जिसमें मुकरोह गांव को असम राज्य का हिस्सा बताया था. संगमा के मुताबिक अंतरराज्यीय सीमा पर स्थित यह गांव मेघालय का हिस्सा है. बता दें कि पिछले साल सीमा विवाद पर हुए हिंसक संघर्ष में छह लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.
मुकरोह गाँव पर दोनों का दावा
मेघालय के मुख्यमंत्री ने कहा कि मुकरोह गाँव के निवासी मेघालय सरकार की कई योजनाओं के लाभार्थी हैं। कुछ सप्ताह पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा में मुकरोह गाँव को असम राज्य का हिस्सा बताया था. कोनराड संगमा ने विधानसभा में कहा कि मैंने साफ़ तौर पर कहा है कि मुकरोह गाँव मेघालय राज्य का हिस्सा है। सारे तथ्य और आंकड़े उनकी बात का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा कोई भी बयान दे सकते हैं लेकिन हमार रुख बिलकुल स्पष्ट है। संगमा ने कहा कि अभी मेघालय विधानसभा चुनाव के दौरान मुकरोह गाँव में भी मतदान हुआ। ये गांव मोकाइव निर्वाचन क्षेत्र में आता है और यहाँ दो मतदान केंद्र हैं.
हिंसक झड़प में हुई थी 6 लोगों की मौत
बता दें कि पिछले साल यहाँ हुए संघर्ष में असम के वन रक्षकों के सात हिंसक झड़प में मुकरोह गाँव के पांच निवासी मारे गए थे वहीँ असम का एक वन रक्षक भी इस झड़प में मारा गया था. 22 नवंबर को ये हिंसक घटना तब हुई थी जब अवैध रूप से कटान वाली लकड़ी से लदे एक ट्रक को असम के वन कर्मियों द्वारा रोका गया था. इस हिंसक झड़प के बाद दोनों ही राज्यों में रह रहे दोनों प्रदेशों के लोगों की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया था.