तीन पूर्वोत्तर राज्यों के चुनाव नतीजे और रुझान आज सामने आ रहे हैं, जिसमें भाजपा को फायदा होता हुआ नज़र आ रहा है. पार्टी में खुशियां मनाई जा रही है लेकिन इस बीच पार्टी के लिए एक बड़े झटके वाली खबर भी सामने आ रही है. खबर महाराष्ट्र से है जहाँ पर दो सीटों के लिए उपचुनाव हुए थे, जिनमें से एक सीट भाजपा को गंवाना पड़ी है. बात सिर्फ सीट गंवाने की नहीं है, बात है किले में दरार पड़ने की. जी हाँ, भाजपा सिर्फ सीट नहीं हारी है, अपना गढ़ हारी है जहाँ पर उसका पिछले 28 वर्षों राज कायम था.
कांग्रेस ने छीनी पुणे की कसबा सीट
दरअसल पुणे की कसबा सीट में कांग्रेस पार्टी आज एक नया इतिहास लिखा और भाजपा प्रत्याशी हेमंत रासने को 11 से अधिक मतों से पराजित कर दिया। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सहायता से उद्धव ठाकरे से सत्ता छीनने के बाद राज्य में भाजपा को लगा यह सबसे बड़ा झटका है. यहाँ पर पिछले 28 वर्षों से उसका एकछत्र राज स्थापित था. भाजपा प्रत्याशी हेमंत रासने को इस उपचुनाव में 62244 हासिल हुए, वहीँ उन्हें पटकनी देने वाले कांग्रेस के रवींद्र धंगेकर 73194 वोट मिले। यहाँ पर भाजपा को झटका देने वाले रवींद्र धंगेकर का ज़िक्र करना ज़रूरी है, दरअसल रवींद्र धंगेकर अपने क्षेत्र में नेता से ज़्यादा एक समाजसेवी के रूप में ज़्यादा मशहूर है. उनका जीवन बहुत सरल है, मोटरसाइकिल से चलते हैं, फिल्म देखने के लिए तीन घंटे निकालना उनके लिए समय बर्बाद करना है, इस समय का उपयोग वो जनता की सेवा में लगाना पसंद करेंगे. यही वजह है कि भाजपा के सत्ता में भागिदार होने के बावजूद उसे यहाँ 28 वर्षों बाद हार का सामना करना पड़ा.
चिंचवड़ सीट पर भाजपा की जीत
रवींद्र धंगेकर को क़स्बा क्षेत्र का बच्चा बच्चा जानता हैं. कांग्रेस से पहले वो शिवसेना और MNS में भी रह चुके, चार बार नगर सेवक बन चुके है और इस चुनाव में MVA के संयुक्त उम्मीदवार थे. वहीँ चिंचवड सीट पर बीजेपी की अश्विनी जगताप जीत गई हैं. इस सीट से उन्होंने महाविकास आघाड़ी के संयुक्त उम्मीदवार एनसीपी के नाना काटे को हराया है. चिंचवड़ सीट भाजपा के कब्ज़े में ही थी.