कहते हैं कि रामराज्य में न्याय है, कहीं न्याय नहीं है. जो कहते हैं शूद्र तो शूद्र बनाकर रख दिया है इन भाजपा वालों ने, यह व्यथा सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त शिक्षकों ने बयान की जो आज शिक्षा मंत्री के घर पर प्रदर्शन कर रहे थे और जिन्हें पुलिस हिरासत में लेकर एक गार्डन ले गयी थी. वहां भी यह शिक्षक धरने पर बैठ गए. वहीँ समाजवादी पर प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि अबकी बार यही 69000 लाएँगे बदलाव।
सड़कों पर बिलख रही हैं शिक्षिकाएं
अखिलेश ने अपने ट्वीट में कहा कि भाजपा सरकार में दलित-पिछड़ों के साथ हुए दुर्व्यवहार की यह दुखद गाथा है। अखिलश ने सवाल किया कि क्या यही ‘आज़ादी का अमृतकाल’ हैं जहाँ अपनी रोज़ी-रोटी की रक्षा के लिए सहायक शिक्षिकाएं सड़कों पर बिलख रही हैं। अखिलेश ने पूछा कि क्या ऐसे ही भारत विश्वगुरु बनेगा? एक अन्य ट्वीट में राहुल गाँधी ने कहा कि बीजेपी को ये याद रखना चाहिए युवा में ही युग बदलने की ताकत होती है. अखिलेश ने कहा कि दलित पिछड़े युवाओं को आगे आकर लोकतंत्र को पुनर्जीवित करना होगा. उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर अब दलित-पिछड़े युवा भाजपा की सोच और साज़िश दोनों को समझ गये हैं।
भाजपा आरक्षण की मूलभावना की विरोधी
अखिलेश ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आये अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा आरक्षण की मूल भावना की विरोधी है और भाजपा सरकार की ढीली पैरवी के नतीजे में ही ये फैसला आया है. अखिलेश ने कहा इस एकमात्र हल जातीय जनगणना है. जातीय जनगणना से ही जनसँख्या के अनुपात में आरक्षण सही तौर पर हो सकता है. अखिलेश ने कहा कि भाजपा दलितों और पिछड़ों का हक़ मरने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाती है.