उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इन दिनों महाकुम्भ चल रहा है, कल उत्तर प्रदेश की पूरी कैबिनेट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ संगम में डुबकी लगाई। अब सब लोग यह जानना चाहते थे कि प्रधानमंत्री मोदी कब महाकुम्भ जायेंगे और संगम में डुबकी लगाएंगे। इधर महाकुम्भ के साथ ही एक और राजनीतिक कुम्भ दिल्ली में चल रहा है जहाँ पिछले 11 वर्षों से आम आदमी पार्टी का राज चल रहा है, मतलब तब से जब से मोदी जी का केंद्र में राज चल रहा है. दोनों ही पार्टियां दिल्ली में आमने सामने हैं. अब चलते हैं महाकुम्भ की ओर और जानते हैं प्रधानमंत्री के दौरे की बात तो जो जानकारी सामने आयी है उसके मुताबिक महाकुम्भ में पवित्र स्नान करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उस दिन का चयन किया है जिस दिन दिल्ली में मतदान हो रहे होंगे।
हालाँकि बताया यह जा रहा है कि पांच फरवरी का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि इस दिन का आध्यात्मिक महत्त्व बहुत ज़्यादा है. कहने का मतलब प्रधानमंत्री मोदी 5 फरवरी को स्नान इसलिए करेंगे क्योंकि उस तिथि का आध्यात्मिक महत्त्व ज़्यादा है, न कि दिल्ली विधानसभा मतदान को प्रभावित करने के लिए. हालाँकि प्रधानमंत्री पहले भी ऐसा कर चुके हैं. लोगों को केदारनाथ की गुफा में उनका ध्यान लगाना अच्छी तरह याद है.
बहरहाल 5 फरवरी की तिथि माघ अष्टमी के साथ मेल खाती है, जो तपस्या, भक्ति और दान के लिए आध्यात्मिक रूप से उत्तम दिन है। पंचांग के अनुसार, माघ अष्टमी गुप्त नवरात्रि के दौरान पवित्र माघ महीने के आठवें दिन पड़ती है। शास्त्रों में इस बात पर जोर दिया गया है कि इस दिन संगम में ध्यान, दान और पवित्र स्नान करने से सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। माघ अष्टमी को आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी आदर्श दिन माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन किए गए भक्तिपूर्ण कार्य आत्मा को अपार आशीर्वाद और शांति प्रदान करते हैं।