नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में चैत्र नवरात्रि के विशेष महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ चैत्र मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से होगा। इस वर्ष चैत्र प्रतिपदा तिथि 22 मार्च बुधवार (Chaitra Navratri 2023 Date) को है। चैत्र नवरात्रि से कुछ दिन पहले पंचक शुरू हो रहा है। जिसमें सभी शुभ कार्य पर रोक लग जाती हैं।
पांच दिन का होता है पंचक
ज्योतिष शास्त्र में बताया है कि पंचक के दौरान किए कार्यों में बाधा आती है। इन 5 दिनों को अशुभ माना जाता है। ऐसे में चैत्र नवरात्रि से पहले और पंचक के दौरान कुछ विशेष नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
चैत्र मास में पंचक 19 मार्च 2023, रविवार को सुबह 11.17 मिनट से शुरू होगा। जो 23 मार्च 2023, शुक्रवार दोपहर 02. 08 मिनट तक रहेगा। रविवार के दिन पंचक शुरू होने के कारण इसे रोग पंचक नाम से जाना जाएगा।
पंचक में भूलकर भी ना करें यह कार्य (Panchak 2023 Niyam)
ज्योतिष शास्त्र में बताया है की पंचक के दौरान घर में बाहर से लकड़ी नहीं लानी चाहिए। और ना लकड़ी से बड़ा कोई सामान लाना चाहिए। इस दौरान घर की छत डलवाना अशुभ माना जाता है। दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। बताया गया है कि पंचक के दौरान मकान पर रंग का काम भी नहीं करवाना चाहिए। इससे दोष लगने का खतरा बढ़ जाता है।
पंचक के दौरान नक्षत्रों का प्रभाव (Panchak 2023 Effect)
शास्त्रों में बताया गया है कि जब चंद्र ग्रह धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण में और शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद व रेवती नक्षत्र के चारों चरण में भ्रमण करता है, उसे पंचक काल कहा जाता है। धनिष्ठा नक्षत्र में अग्नि का भय बढ़ जाता है। शताभिषा में कलह और वाद-विवाद का खतरा बढ़ता है। पूर्वाभाद्रपद में रोग और उत्तराभाद्रपद में धन के रूप में दंड का भय रहता है। साथ रेवती नक्षत्र में धन हानि की संभावना बढ़ जाती है।