- कोरोना महामारी के बाद बुजुर्गों, बड़ों और बच्चों के फेफड़े कई गुना हुए कमजोर
- स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होने के दावे लेकिन हालात बेहद चिंताजनक
गरिमा जोशी
कोरोना महामारी से उबरे चीन के उत्तरी इलाके में फैली नई रहस्यमई बीमारी चिंता का विषय बन चुकी है। छोटे बच्चों पर वायरस का हमला कहर बरसा रहा है। दुनिया भर के देशों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। वजह साफ है, यदि देश में इस तरह का कोई भी वायरस फैला तो कोरोना के मुकाबले कई गुना जान जाने का अंदेशा है। एहतियात बरतते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है।
खतरे के मुहाने पर कई राज्य
देश में वायरस को लेकर कई राज्य खतरे के मुहाने पर हैं। केरल, तमिलनाडु, राजस्थान, उत्तराखंड,हरियाणा, कर्नाटक में हाई अलर्ट घोषित किया है। माना जा रहा है कि इन राज्यों से चीन व अन्य देशों की आवाजाही काफी अधिक है। कोरोना संक्रमण भी सबसे पहले केरल में रिपोर्ट हुआ था। साथ ही सरकार ने कई राज्यों को अलर्ट मोड में रहने को भी कहा गया है। कोरोना के बाद बिगड़े हालातों को संभालने में जुटी सरकार बचाव के इंतजामों को लेकर तमाम दावे कर रही है। हालांकि जमीनी हकीकत इससे पूरी तरह भिन्न है।
कमजोर फेफड़ों के लिए काल बन सकती है बीमारी
कई रिपोर्ट बताती हैं की भारत में कोरोना का जबरदस्त प्रकोप छाया था। संसाधनों के अभाव में कई लोग मारे गए। लगभग 60 फ़ीसदी लोगों के फेफड़े कमजोर हुए। लंग फाईब्रोसिस के सैकड़ों मामले रिपोर्ट हो चुके हैं। ऐसे में श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाला वायरस देश में फैला तो बड़ी आबादी प्रभावित हो सकती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सार्स टू कोविड वायरस से देश को पहले ही काफी नुकसान पहुंचा है। इस महामारी की कई लहर झेल चुके लोगों में कई पोस्ट इफेक्ट दर्ज किए जा रहे हैं। फेफड़ों के साथ हृदय, मस्तिष्क, पाचन तंत्र आदि पर गहरा प्रभाव देखा जा रहा हैं संक्रमण की चपेट में आए मरीज लंबे समय बाद भी इससे उभर नहीं पाए हैं।
ये है डर की वजह
सर्विलांस संस्था प्रो मेड ने चीन में फैले रहस्यमई बीमारी को लेकर दुनिया भर में अलर्ट जारी किया है। इसी संस्था ने कोरोना को लेकर भी सभी को सचेत किया था। चीन ने बीमारी को सामान्य निमोनिया बताया है, लेकिन दुनिया भर के देश इस बीमारी के लक्षणों को देखते हुए डरे हुए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक निमोनिया में कफ बनता है। किंतु इस नई बीमारी में कफ के लक्षण नहीं पाए जा रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है जिस तरह की रिपोर्ट आ रही हैं उसके मुताबिक संक्रमित बच्चों के फेफड़ों में गोल छल्लेदार निशानों की पुष्टि एक्सरे में हो रही है। संभव है की ये वायरस का हमला न होकर बैक्टीरिया संक्रमण हो। । कुछ चिकित्सक इसे क्रॉस इन्फेक्शन यानी वायरस और बैक्टीरिया दोनों का संक्रमण मान रहे हैं।
नहीं मिल पाएगा इलाज
चीन के कई शहरों में फैल चुकी इस रहस्यमई बीमारी के मामले वियतनाम में भी पाए गए हैं। चिकित्सकों का कहना है कि चीन में जिस तरह से आउट ब्रेक हुआ है, इसे देखते हुए क्रॉस संक्रमण का संदेह अधिक है। स्थिति अनियंत्रित होने की वजह साफ है कि दवाइयां काम नहीं कर रही हैं। नए वायरस के साथ ही दवाइयों का काम न करना चिंता का विषय है। ऐसे में बीमारी फैली को फिर से इलाज का संकट खड़ा होगा।