केपी शर्मा ओली एक बार फिर नेपाल के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। उन्हें नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने अगला प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। ओली एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने नेपाली कांग्रेस के समर्थन से इस पद के लिए अपना दावा पेश किया है। नेपाल के राष्ट्रपति पौडेल ने शुक्रवार शाम को पुष्प कमल दहल के विश्वास प्रस्ताव हारने के बाद नेपाली संसद में राजनीतिक दलों से प्रधानमंत्री पद के लिए दावा पेश करने का आह्वान किया।
नेपाली कांग्रेस और छोटी पार्टियों के समर्थन से ओली ने प्रधानमंत्री पद के लिए संसद में बहुमत का दावा करते हुए 165 सांसदों के हस्ताक्षर जमा किए थे। नेपाल के संविधान के अनुसार, प्रधानमंत्री का पद संभालने के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 138 का बहुमत प्राप्त करना अनिवार्य है।
अक्टूबर 2015 में ओली पहली बार प्रधानमंत्री बने थे और अगस्त 2016 तक सरकार चलाई। 2017 में हुए आम चुनाव के बाद केपी शर्मा ओली ने फिर सरकार बनाई और मई 2021 तक सत्ता संभाली । केपी ओली को संसद में सबसे बड़ी पार्टी के संसदीय नेता के रूप में दावा पेश करने के बाद अनुच्छेद 76 (3) के संवैधानिक प्रावधान के तहत मई 2021 से जुलाई 2021 तक फिर से प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
सत्ता में अपने लगभग तीन वर्षों के दौरान, ओली ने दो बार संसद को भंग किया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने एक परमादेश जारी करके बहाल कर दिया। नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल (नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी- एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी) ने मंत्रिपरिषद में क्रमशः 9 और 8 मंत्रालयों को विभाजित करने के लिए 2 जुलाई को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
2 जुलाई को कांग्रेस प्रमुख देउबा और यूएमएल अध्यक्ष ओली के बीच हुए समझौते के अनुसार, दोनों दल 2027 में अगले आम चुनाव तक बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करेंगे। लेकिन, इस सौदे को आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।