संभल प्रशासन ने शनिवार को अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत 46 साल से बंद एक मंदिर को फिर से खोला। नखासा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत खग्गू सराय इलाके में स्थित इस भस्म शंकर मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति और एक शिवलिंग है। लोगों का कहना है कि 1978 के सांप्रदायिक दंगों के बाद से मंदिर बंद था, जिसकी वजह यह थी कि दंगों की वजह से स्थानीय हिंदू समुदाय के लोग विस्थापित हो गए थे।
इलाके में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान का नेतृत्व कर रही एसडीएम वंदना मिश्रा ने कहा क्षेत्र का निरीक्षण करते समय हमें मंदिर के बारे में पता चला, तब हमने इसे खोलने का फैसला किया। वंदना मिश्रा ने कहा कि मंदिर दशकों से बंद था । मंदिर के पास एक कुआं भी है जिसे अधिकारी फिर से खोलने की योजना बना रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने मंदिर से जुड़ी अपनी यादें साझा कीं, जिनमें से कई ने समुदाय के लिए एक धार्मिक स्थल के रूप में इसके महत्व पर प्रकाश डाला।
बता दें कि संभल की शाही जामा मस्जिद के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत के कुछ सप्ताह बाद प्रशासन ने मस्जिद के आसपास के क्षेत्रों में अतिक्रमण और बिजली चोरी से निपटने के लिए अभियान शुरू किया है। उसी अभियान के दौरान इस मंदिर के बारे में जानकारी हुई, यह मंदिर शाही मस्जिद के इलाके में ही पड़ता है जो बरसों से बंद पड़ा था. इसमें ताला पड़ा हुआ था और एक तरह से इको लोग भूल चुके थे.
संभल में ही एक अन्य घटना में कल मस्जिद के इमाम को इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया गया था क्योंकि मस्जिद से कथित तौर पर तेज़ आवाज़ में लाउडस्पीकर बजने की आवाज़ आने लगी थी, पुलिस और इंतेज़ामिया ने फ़ौरन जाकर लाउड स्पीकर को बंद कराया और बाद में इमाम के ऊपर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार इमाम को इस तरह के आचरण से दूर रहने का निर्देश दिया गया है।