Site icon Buziness Bytes Hindi

क्या 20 साल का इंतज़ार ख़त्म करेगी रोहित सेना?

ind vs pak

अमित बिश्‍नोई

भारत बनाम न्यूज़ीलैण्ड, स्थान धर्मशाला, 22 अक्टूबर का दिन और सुपर संडे, विश्व कप 2023 में दो ऐसी टीमों का मुकाबला जिनका विजय रथ अपनी रफ़्तार से दौड़ रहा है, अपने हर विरोधी को बड़ी आसानी से दोनों ही टीमों ने अबतक धूल चटाई है. दोनों ही टीमों के बीच होने वाले इस मुकाबले का क्रिकेट फैंस को बेसब्री से इंतज़ार है, इंतज़ार इस बात का भी है कि इनमें से कौन सी टीम का विजयरथ आगे बढ़ेगा, इंतज़ार इस बात का भी है कि आईसीसी मुकाबलों में पिछले 20 वर्षों से कीवी टीम को न हरा पाने वाली टीम इंडिया क्या इसबार सफलता हासिल करेगी। न्यूज़ीलैण्ड नाम की दीवार को रोहित सेना क्या इसबार तोड़ने में कामयाब होगी।

क्रिकेट जगत में ये आम धारणा सी बन गयी है कि आईसीसी मुकाबलों भारत का सबसे बड़ा दुश्मन न्यूज़ीलैण्ड है, टीम इंडिया सबको पीछे छोड़ देती है लेकिन कीवियों के सामने घुटने तक देती है, लोग तो यह भी अब कहने लगे हैं कि भारत का नॉक आउट मुकाबलों में किसी भी बड़ी से बड़ी टीम से सामना हो मगर नूज़ीलैण्ड से न हो, ऐसा कहने की लोगों के पास वजह भी है, आंकड़े भी कीवियों के फेवर में हैं. हालाँकि ODI इंटरनेशनल में भारत न्यूज़ीलैण्ड से 58-50 से आगे है मगर विश्व कप में मामला थोड़ा उल्टा है और यहाँ पर न्यूज़ीलैण्ड का पलड़ा भारी है और उसे 5-3 की बढ़त है, जबकि एक मैच खेला ही नहीं जा सका. 2003 के ODI विश्व कप के बाद से दोनों ही टीमों के बीच आईसीसी मुकाबलों में अबतक पांच मैच खेले गए हैं और हरबार न्यूज़ीलैण्ड ने भारत के सपने को तोड़ा है.

2007 के विश्व कप में भारत को इकलौती हार कीवियों के हाथों ही मिली थी, 2016 के टी 20 विश्व कप में उसे 47 रनों से पराजय मिली, 2019 के ODI विश्व कप उसे न्यूज़ीलैण्ड ने सेमीफाइनल में हराया, 2021 के WTC फाइनल में उसने भारत के खिताबी सपने को तोड़ा और फिर उसी साल दुबई में खेले गए टी 20 विश्व कप में भी कीवियों के हाथों हार का सामना करना पड़ा. यही वजह है कि आईसीसी मुकाबलों में न्यूज़ीलैण्ड भारत के लिए सबसे मुश्किल चुनौती मानी जाती है. ये एक ऐसी टीम है जो बेहद शांत रहती है, कोई बयानबाज़ी नहीं, सिर्फ अपने खेल पर फोकस और चुपचाप एक के बाद अपने विरोधियों को धराशायी कर आगे बढ़ना इस टीम की विशेषता है, कप्तान केन विलियम्सन और ट्रेंट बोल्ट को छोड़कर उनके पास कोई सितारा खिलाड़ी नहीं है इसके बावजूद उसकी सफलताओं का एक बड़ा सिलसिला है. हर मैच में कोई न कोई आता है और एक बड़ी परफॉरमेंस देकर चला जाता है, इस विश्व कप से पहले रचिन रविंद्र एक अनजाना सा नाम था लेकिन आज उसे हर कोई जानता है, डेब्यू मैच ही शतक जड़ दिया, जिस खिलाड़ी (विलियम्सन) की जगह उसे मौका मिला, उसने परफॉरमेंस भी विलियम्सन के स्तर की दिखाई। एक संतुलित टीम, जिसके बल्लेबाज़ फॉर्म में हैं, जिसके आलराउंडर्स अपनी भूमिका सही ढंग से निभा रहे हैं, जिसके गेंदबाज़ भारत की पाटा विकटों पर संतुलित गेंदबाज़ी का शानदार नमूना पेश कर रहे हैं. इस विश्व कप में टीम इंडिया के अलावा अगर किसी और टीम ने अच्छी गेंदबाज़ी की है तो वो सिर्फ न्यूज़ीलैण्ड की टीम ही है.

बात अब भारत की तो सच में उसका स्वप्निल प्रदर्शन हो रहा है, सच में वो खिताबी दावेदार के रूप में खेल रही है, सच में ऐसा लग रहा है कि इस टीम को हराना अगर नामुमकिन नहीं तो एक मुश्किल काम ज़रूर है, हर एक खिलाड़ी अपनी ज़बरदस्त फॉर्म में है, नंबर एक से लेकर नंबर 11 तक, मतलब जहाँ बल्लेबाज़ विस्फोटक रूप में हैं तो गेंदबाज़ तबाही मचाये हुए हैं और हरफनमौला खिलाड़ी दोनों के बीच ज़बरदस्त संतुलन बनाये हुए हैं, हालाँकि पिछले मैच में हार्दिक को लगी चोट से ये संतुलन थोड़ा गड़बड़ा सकता है, देखना होगा कि उनकी जगह कल किस खिलाड़ी को जगह मिलती है, पर उम्मीद है जिसे भी जगह मिलेगी वो इसे मौके के रूप में देखेगा। रोहित शर्मा अपने हिटमैन वाले अंदाज़ में हैं, गिल में लोगो का लगातार भरोसा बढ़ता जा रहा है, विराट का तो कोई जवाब ही नहीं, अब तो उनकी हर पारी कोई न कोई रिकॉर्ड ब्रेक करती है, राहुल और श्रेयस भी पूरी तरह लय में नज़र आ रहे हैं यही वजह है कि सूर्यकुमार जैसे विस्फोटक बल्लेबाज़ को जगह नहीं मिल रही है, हो सकता है कल उनके नसीब से उन्हें मौका मिल जाय क्योंकि टीम को हार्दिक जैसे एक विस्फोटक बल्लेबाज़ की ज़रुरत तो है जो नंबर 6 पर उनकी कमी को पूरा कर सके.

गेंदबाज़ी की बात करें तो बुमराह को कोई छू भी नहीं पा रहा है, सिराज मंहगे रहते हैं मगर कुछ अहम् विकेट निकालकर वो इसकी भरपाई कर देते हैं. कुलदीप और जडेजा इस विश्व कप की अबतक की टॉप स्पिनर जोड़ी है, अलबत्ता शार्दुल अभी तक अपने रंग में नहीं दिखे हैं, देखना होगा कि क्या उनकी जगह कल मोहम्मद शामी को मौका मिलेगा। धर्मशाला का मौसम और विकेट तेज़ गेंदबाज़ों के अनुकूल रहता है, न्यूज़ीलैण्ड को तो वहां घरेलू मौसम का ही एहसास होगा, ऐसे में दोनों टीमों के बीच एक दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद की जा सकती है जो अबतक इस विश्व कप में देखने को नहीं मिला है, अबतक खेले गए सारे मैच लगभग एकतरफा रहे हैं, एक भी मैच दिल धड़काने वाला नहीं हुआ है. इस विश्व कप में कल रोहित सेना का रियल टेस्ट होना है, उसे 20 साल के इंतज़ार को ख़त्म करना है और वो ऐसा करने में पूरी तरह से सक्षम भी है.

Exit mobile version