Site icon Buziness Bytes Hindi

नितीश ने लालू की शांति वार्ता के ऑफर को ठुकराया

nitish kumar

बिहार के चुनावी साल में राजनीतिक बयानों का दौर शुरू हो चूका है, राजद प्रमुख लालू यादव ने अपने पुराने साथी के साथ एकबार फिर गिले शिकवे बुलाकर उनके दरवाज़े खोलने की बात कही तो चर्चाओं का दौर गर्म हो गया कि नितीश कुमार क्या फिर पलटी मारने की तैयारी कर रहे हैं, मगर आज नितीश कुमार ने लालू यादव के शांति वार्ता के ऑफर को ठुकराते हुए कहा कि अब पीछे हटने का कोई सवाल नहीं उठता।

नितीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) कभी लालू यादव के राष्ट्रीय जनता दल और अन्य दलों वाले महागठबंधन में भागीदार थी। जेडी(यू) प्रमुख ने मतभेदों के कारण समूह छोड़ दिया और भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में फिर से शामिल हो गए। नितीश कुमार कुमार ने संवाददाताओं से कहा, मैं गलती से उनके साथ दो बार जुड़ गया था। लालू यादव ने “दरवाजे खुले रखने” के बारे में यह टिप्पणी ऐसे समय की जब भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नितीश कुमार को एक साल से भी कम समय में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया है। बिहार भाजपा नेताओं ने भी कहा है कि नितीश कुमार विधानसभा चुनाव में एनडीए का चेहरा होंगे।

इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा बहुमत से चूक गई थी। पार्टी केंद्र में सत्ता में बने रहने के लिए जेडी(यू) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी जैसे सहयोगियों पर निर्भर है। नितीश कुमार 450 करोड़ रुपये की योजना की आधारशिला रखने के लिए मुजफ्फरपुर में थे, जब उन्होंने लालू यादव की पेशकश पर टिप्पणी की।

वहीँ नितीश के बयान के बाद आरजेडी प्रमुख के बेटे तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए हमारे दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। हमें उनकी जरूरत नहीं है। अब नीतीश में कुछ नहीं बचा है। इस बार हम अपने दम पर सरकार बनाएंगे।

Exit mobile version