Share Market: आज संवत 2079 का समापन निफ्टी ने बढ़त के साथ किया है। बेंचमार्क निफ्टी ने दो अंकों में बढ़त प्राप्त की है। इस हिंदू कैलेंडर साल में निफ्टी 1,849 अंक या 109.5 प्रतिशत बढ़त के साथ 19,425 पर बंद हुआ। सेंसेक्स ने 9.4 प्रतिशत की तेजी के साथ 64,905 अंकों पर संवत का समापन किया। दोनों सूचकांकों ने इस साल उच्चतम स्तर को छू लिया। लेकिन अमेरिका में बढ़ती बॉन्ड यील्ड के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली बढ़ने से सूचकांकों को थोड़ी बढ़त गंवानी पड़ी है।
निवेशकों को बढ़िया रिटर्न मिला
पिछले संवत 2078 के दौरान दोनों भारतीय सूचकांक मामूली गिरावट पर बंद हुए थे। लेकिन उस साल निवेशकों को बढ़िया रिटर्न मिला। निफ्टी मिडकैप में 32.7 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक में 38.4 प्रतिशत तेजी आई। जो पिछले 9 साल में अच्छा प्रदर्शन रहा था। बाजार में यह तेजी मुख्य रूप से घरेलू संस्थागत निवेशकों और खुदरा निवेशकों के दम पर आई।
वैश्विक प्रतिस्पर्धी बाजारों की तुलना में घरेलू बाजार रिटर्न मध्यम स्तर का रहा था। विकसित बाजारों जैसे अमेरिका (एसऐंडपी 500 और नैस्डैक), यूरोप (जर्मनी और फ्रांस) तथा जापान का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा। उभरते बाजारों में भारत का प्रदर्शन बेहतर रहा। जबकि ब्राजील, चीन, थाईलैंड तथा इंडोनेशिया के बाजारों ने negative रिटर्न दिया।
संवत 2079 में ऊंची मुद्रास्फीति, ब्याज दर की तेजी, भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिका बैंकिंग संकट जैसी परेशानी का सामना करना पड़ा। दिसंबर 2022 से फरवरी 2023 के बीच विदेशी निवेशकों की बिकवाली तथा हाल में सितंबर और अक्टूबर में जोरदार बिकवाली के बाद घरेलू बाजार अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहा है।
बेंचमार्क सूचकांक पिछले 8 माह के निचले स्तर तक लुढ़का
मार्च में बेंचमार्क सूचकांक पिछले 8 माह के निचले स्तर तक लुढ़का था। लेकिन अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और अधिक बढ़ोतरी नहीं किए जाने और वैश्विक अर्थव्यवस्था के मंदी में नहीं फंसने की उम्मीद से निवेशकों का मनोबल बढ़ा है। जिससे बाजार ने मार्च के निचले स्तर से अच्छी वापसी की है। इससे विदेशी निवेशकों का प्रवाह बढ़ा और बाजार में तेजी आई है। सितंबर में निफ्टी सर्वकालिक उच्च स्तर 20,222 (इंट्रा-डे में) तक पहुंचा था और सेंसेक्स 67,927 को छू गया था। लेकिन सूचकांक अपने उच्चतम स्तर से करीब 4 प्रतिशत नीचे आ गया।
बीएनपी पारिबा में इंडिया इक्विटीज की माने तो साल की शुरुआत में चीन के बाजार को दोबारा खोले जाने के बाद सुधार मजबूत होने की उम्मीद से भारत से विदेशी निवेश निकला है। लेकिन यह अनुमान से कम रहा है। भारत के प्रति निवेशकों का भरोसा आज भी बना हुआ है। हालांकि चीन में अब थोड़ा सुधार हुआ तो घरेलू बाजार पर इसका असर दिखने के संकेत मिल रहे है।