- दोनों आरोपियों को स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया
यस बैंक में घोटाले के आरोपी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन (डीएचएफएल) के प्रोमोटर वाधवान ब्रदर्स 8 मई तक सीबीआई की कस्टडी में रहेंगे. उन्हें लॉकडाउन के दौरान किसी तरह की सहूलियत नहीं मिलेगी. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था. उन पर लॉकडाउन के नियमों को तोड़कर घूमने का आरोप लगा था. जिसके बाद वाधवान ब्रदर्स और उनकी फैमिली के 41 लोगों के एफआईआर दर्ज की गई थी.सीबीआई के मुताबिक, यस बैंक ने डीएचएफएल में 3700 करोड़ रुपए का निवेश किया. इसके बदले वधवान को 600 करोड़ रुपए का फायदा मिला.
सीबीआई ने की थी कस्टडी बढ़ाने की मांग
सीबीआई ने कोर्ट से मामले की ठीक से जांच के लिए कपिल और धीरज वाधवान की कस्टडी बढ़ाने की मांग की थी. कोर्ट ने मान लिया है और वाधवान बंझुओं की कस्टडी को एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है.दोनो आरोपियों की कस्टडी समाप्त होने से पहले सीबीआई ने इन्हें विशेष लॉकडाउन कोर्ट में पेश किया था. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि दोनों आरोपियों ने मामले की जांच में आवश्यक सहयोग नहीं किया है.
9 अप्रैल को किए गए थे अरेस्ट
लॉकडाउन के दौरान 9 अप्रैल को वाधवान बंधु अपने परिवारजनों के साथ गाडियों का काफिला लेकर महारबलेश्वर गये थे. कपिल वाधवान और धीरज वाधवान को राज्य के प्रधान सचिव द्वारा वीआईपी ट्रीटमेंट दिये जाने पर सरकार ने प्रधान सचिव अमिताभ गुप्ता को जबरन छुट्टी पर भेज दिया था. लॉकडाउन के दौरान जबकि आवागमन बंद है ऐसे में वाधवान बंधुओं के मुंबई से बाहर जाने पर महाराष्ट्र में हड़कंप मच गया था. दरअसल डीएचएलएफ के संस्थापक वाधवान बंधु की अंडरवर्ल्ड डॉन इकबाल मिर्ची कनेक्शन और यस बैंक लिए हुए कर्ज के बकाया मामले में ईडी द्वारा मनी लॉन्डरिंग नियम के अंतर्गत जांच शुरू है.