नई दिल्ली। राजधानी का आग की घटनाओं से पुराना नाता है। साल दर साल हादसे होते रहे लेकिन इसके बाद भी सरकार और प्रशासन ने कोई सबक नहीं सीखा और ना कोई ठोस कदम उठाए। पिछले 25 साल में राजधानी दिल्ली में आठ बड़ी घटनाएं हो चुकी है। जिससे राजधानी के लोग दहल उठे हैं। मुंडका इलाके में हुए अग्निकांड में मरने वालों की संख्या अब 29 तक पहुंच चुकी है। वहीं यह आंकड़ा और अधिक भी हो सकता है।
मुंडका अग्निकांड ने 25 साल पुराना 13 जून, 1997 को ग्रीन पार्क के उपहार सिनेमा में हुआ अग्निकांड याद दिला दिया।
13 जून 1997: ग्रीन पार्क में उपहार सिनेमा हाल में बॉर्डर फिल्म शो के दौरान लगी आग में 59 लोगों की मौत हुई थी और 100 से अधिक लोग झुलस गए थे। भीषण अग्निकांड ने पूरे देश को हिला दिया था।
20 नवंबर 2011: राजधानी के नंद नगरी में एक किन्नर सम्मेलन में आग से 14 किन्नरों की मौत हो गई। जबकि 40 झुलसे थे।
07 जुलाई 2017: सीमापुरी की दिलशाद कालोनी स्थित मकान में आग से एक ही परिवार के चार लोग मरे थे। जबकि तीन झुलस गए थे।
21 जनवरी 2018: बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में पटाखा फैक्टरी में आग से 17 मौतें हुई थी। जबकि दो झुलस गए थे।
12 फरवरी 2019: करोल बाग स्थित होटल अर्पित प्लेस में आग से 17 लोग मरे थे। आग से बचने के लिए होटल की छत से कई लोगों ने छलांग लगाई थी। मरने वालों की संख्या इस हादसे में 22 तक पहुंची थी।
08 दिसंबर 2019: रानी झांसी रोड स्थित अनाज मंडी की एक बिल्डिंग में लगी आग से 45 की मौत झुलसने और दम घुटने से हो गई थी।
26 अक्तूबर 2021: सीमापुरी में एक मकान की दूसरी मंजिल पर आग से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हुई थी।
12 मार्च 2022: गोकुलपुरी में झुग्गियों में आग से सात की मौत हो गई थी। जबकि दो दर्जन लोग झुलस गए थे।
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