गुवाहाटी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को शिवसागर जिले स्थित जेरेंगा पठार में रहने वाले भूमिहीन मूल निवासियों के लिए 1.6 लाख भूमि पट्टा वितरण अभियान की शुरुआत की।
10 लाभार्थियों को आवंटन प्रमाण पत्र
उन्होंने 10 लाभार्थियों को आवंटन प्रमाण पत्र भेंटकर इस अभियान की शुरुआत की। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वसरमा ने भी इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी अब तक उद्घाटन और शिलान्यास से संबंधित अपने अधिकतर कार्यक्रमों में डिजीटल माध्यम से जुड़ते रहे हैं।
बड़ी चिंता दूर
पीएम ने कहा कि बीते वर्षों में अनेकों बार मुझे असम के अलग-अलग हिस्सों में आने का और विकास के कामों से जुड़ने का अवसर मिला। मैं आपकी खुशियों में शामिल होने आया हूं। असम में हमारी सरकार ने आपके जीवन की बहुत बड़ी चिंता दूर करने का काम किया है। 1 लाख से ज्यादा मूल निवासी परिवारों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार मिलने से आपके जीवन की बहुत बड़ी चिंता दूर हो गई है।
संस्कृति के वाहक
बकौल प्रधानमंत्री, हम सभी ऐसी संस्कृति के वाहक हैं जहां हमारी धरती हमारी जमीन, हमारे लिए माता का रूप है। असम की महान संतान भारत रत्न भूपेन हजारिका ने कहा था कि हे धरती माता मुझे अपने चरणों में जगह दीजिए, आपके बिना खेती करने वाला क्या करेगा, मिट्टी के बिना वह असहाय होगा।
नए साल का पहला कार्यक्रम
नये साल में यह पहला ऐसा कार्यक्रम है जब खुद प्रधानमंत्री इसमें शरीक हुए। असम में 2016 में 5.75 लाख मूल निवासी परिवार भूमिहीन थे। राज्य सरकार ने मई 2016 से 2.28 लाख आवंटन प्रमाण पत्र वितरित किए हैं। आज का समारोह इस प्रक्रिया का अगला कदम है। सोनोवाल ने कहा कि आजादी के बाद यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में असम में लोगों को जमीन के ‘पट्टे’ दिये जाएंगे। जेरेंगा पठार का संबंध असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य से है।