एमएसएमई सेक्टर को मिलेगा 3 लाख करोड़ का गारंटी फ्री लोन, मजबूती के लिए छह कदमों का ऐलान
न्यूज़ डेस्क – सरकार ने एमएसएमई यानि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को मजबूती के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के कोलैटरल फ्री ऑटोमैटिक लोन देने का ऐलान किया है. फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इन उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए छह नए कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि एमएसमई सेक्टर के लिए 4 हजार करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी दी जाएगी जिससे 2 लाख कंपनियों को फायदा होगा.
बिना गारंटी के मिल सकेगा लोन
इसके साथ ही सरकार ने एमएसएमई के लिए बड़ी राहत देते हुए एलान किया है कि इन्हें तीन लाख करोड़ रुपये का कोलेट्रल मुक्त लोन दिया जाएगा, यानी इस लोन पर किसी तरह की गारंटी देने की जरूरत नहीं होगी. इस लोन की समय सीमा चार साल की होगी और एक साल तक मूलधन भी नहीं चुकाना होगा. वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं.
माइक्रो यूनिट्स
अब एक करोड़ रुपये तक निवेश और 5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाली इकाई (उद्यम) को माइक्रो कहा जाएगा. पहले सर्विस से जुड़ी 10 लाख रुपये तक निवेश वाली और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी 25 लाख रुपये तक निवेश वाली इकाई माइक्रो मानी जाती थी.
स्मॉल यूनिट्स
अब उस इकाई (उद्यम) को स्मॉल माना जाएगा जिसमें निवेश की गई रकम 10 करोड़ रुपये तक और टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से कम होगा. यह शर्त सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग दोनों ही तरह की इकाइयों पर लागू होगी. पहले स्मॉल इकाई के वास्ते मैन्युफैक्चरिंग के लिए 5 करोड़ रुपये और सर्विस के लिए 2 करोड़ रुपये के निवेश की सीमा तय थी.
मीडियम यूनिट्स
अब 20 करोड़ रुपये तक निवेश और 100 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाली इकाई को मीडियम यूनिट्स माना जाएगा. पहले मैन्युफैक्चरिंग के मामले में 10 करोड़ रुपये तक और सर्विसेज के मामले में 5 करोड़ रुपये तक निवेश की सीमा तय थी.