नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया को खरी-खरी सुनाई है। मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा आयोजित ओपन डिबेट में बोलते हुए उन्होंने कहा, “हमें आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई दोयम दर्जे की नहीं होनी चाहिए। आतंकवादी आतंकवादी है, इसमें अच्छा और बुरा कोई भी नहीं है। इस भेद का प्रचार करने वालों के पास एक एजेंडा है और जो लोग उनके लिए कवर करते हैं, वे केवल अपराधी हैं।”
मज़बूत हुए यहीं आतंकी
विदेश मंत्री ने कहा, “हाल के वर्षों में, आतंकवादी समूहों और लोन-वुल्फ हमलावरों ने ड्रोन, आभासी मुद्राओं और एन्क्रिप्टेड संचार सहित उभरती प्रौद्योगिकियों तक पहुंच प्राप्त करके अपनी क्षमताओं को बढ़ाया है। सोशल मीडिया नेटवर्क ने युवाओं के कट्टरता और भर्ती में योगदान दिया है।
कोरोना महामारी ने स्थिति को और उग्र बनाया
उन्होंने आगे कहा, “कोरोना महामारी ने स्थिति को और उग्र बना दिया है। लॉकडाउन, संबद्ध संकट और आर्थिक अनिश्चितता के कारण। इसी के साथ पड़ोसियों से अलगाव और विस्तारित व्यवधान ने दुनिया को कट्टरपंथी कथाओं और अतिवादी प्रचार के लिए अतिसंवेदनशील बना दिया है।”
पाकिस्तान पर अपरोक्ष हमला
विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा, “कुछ देशों में आतंकवादी वित्तपोषण मामलों का पता लगाने, जांच करने और उन पर मुकदमा चलाने की तकनीकी विशेषज्ञता सहित कानूनी/परिचालन ढांचे की कमी है। हालाँकि, ऐसे अन्य देश हैं जो आतंकवाद का समर्थन करने, सुरक्षित आश्रय और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए दोषी हैं।” उन्होंने कहा, “हालांकि हमें पूर्व की क्षमताओं को बढ़ाना होगा, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सामूहिक रूप से उत्तरार्द्ध को कॉल करना होगा और उन्हें जवाबदेह बनाना होगा।”