मेरठ: बूँद बूँद से भरता सागर, इसी बात को उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली अदिति चंद्रा ने अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया और जल संरक्षण को लेकर ऐसा काम किया है कि विश्व की नामी संस्था वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड ने उनके कामों का गुणगान किया| घर-घर जाकर लोगों से बूंद-बूंद जल बचाने की विनती करने वाली जल योद्धा अदिति चंद्रा वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड ने ईनाम से नवाजा है, इस सम्मान को पाने में अदिति को दो वर्ष का समय लगा|
जल है तो कल है
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम ने अदिति का नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज करने के साथ ही उन्हें शील्ड और मेडल से भी सम्मानित किया है. अदिति चंद्रा पिछले दो वर्षो से लोगों के घर जाकर उन्हें पानी के महत्व के बारे में समझा रही हैं. जल योद्धा अदिति कहीं भी लीकेज की शिकायत मिलने पर फौरन उसे दुरुस्त करवाने में जुट जाती हैं. उनके ऐसे ही प्रयासों से अब तक वो करोड़ों लीटर पानी बचाया जा चूका है. अदिति के जीवन का लक्ष्य जल है, क्योंकि जल है तो कल है.
करोड़ों लीटर पानी बर्बाद होने से बचाया
द ग्रोइंग पीपल के नाम अदिति एक संस्था चलाती हैं . अदिति ने बताया कि उन्होंने पिछले एक वर्ष में आठ सौ पचास से ज्यादा लीकेज ठीक करवाकर करोड़ों लीटर पानी बर्बाद होने से बचाया है. मेरठ छावनी परिषद और नगर निगम के साथ मिलकर अदिति लगातार जल संरक्षण और साफ-सफाई को लेकर कार्य कर रही हैं. अदिति लोगों से अपील करती हैं कि लोग घरों में ज्यादा से ज्यादा किचन गार्डन लगाएं, गीले कचरे से खाद बनाएं जिसका उपयोग महिलाएं किचन गार्डन में करें.
अदिति के मिशन में बच्चे भी शामिल
अदिति ने अपने इस मिशन में सैकड़ों बच्चों को भी अपने साथ जोड़ा है. यह बच्चे भी अपने घरों से प्लास्टिक के कचरे को बाहर नहीं आने देते. ऐसे बच्चों को अदिति की संस्था समय-समय पर सम्मानित करती है. अदिति ने बताया कि कोविड 19 की वजह से लंदन से वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम मेरठ नहीं पहुंच सकी लेकिन उनके प्रतिनिधि के रुप में कैंट बोर्ड के सीईओ और नगर आयुक्त की टीम ने उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की तरफ से आई ट्रॉफी और मेडल से सम्मानित किया है.