Adi Kailash Yatra 2022: भारी बरसात के कारण अब आदि कैलाश यात्रा पर लगा ब्रेक,अगस्त महीने से शुरू होगी यात्रा

पिथौरागढ़। आदि कैलाश यात्रा अब बरसात के चलते स्थगित कर दी गई है। अब यह यात्रा अगस्त महीने के बाद शुरू होगी। अभी तक मात्र 555 तीर्थयात्री ही आदि कैलाश के दर्शन कर चुके हैं। उत्तराखंड के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा पिछले दो साल से पहले ही बंद पड़ी थी। इससे शिवभक्तों में मायूसी थी। लेकिन इस मायूसी को दूर करने का काम इस बार आदि कैलाश यात्रा ने किया। इस यात्रा का महत्व कैलाश मानसरोवर के समान ही है। इसे भारत का कैलाश कहा जाता है। इस बार आदि कैलाश यात्रा कुमाऊं मंडल विकास निगम के सहयोग से प्राइवेट कंपनी द्वारा की शुरू की गई। जिसमें शामिल हुए शिवभक्तों को कैलाश से रूबरू कराया जा रहा है। जो पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा के पास स्थित हैं। यह कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग के करीब है। भारत का कैलाश देखने के लिए देश के कोने-कोने से पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों का दीदार करने आते हैं। बरसात के चलते यह यात्रा अब रोक दी गई। जो कि अब अगस्त महीने के बाद शुरू होगी।
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प्रबंधक दिनेश गुरुरानी ने बताया कि अभी तक 555 तीर्थ यात्रियों के 17 दल आदि कैलाश के दर्शन कर चुके हैं। यात्रा के बीच ही दो श्रद्धालुओं की मौत हुई है। बारिश का मौसम रूकने के बाद यात्रा को शुरू किया जाएगा। बता दें कि पिथौरागढ़ के चीन सीमा पर आदि कैलाश ही नहीं बल्कि ओम पर्वत और अन्य पौराणिक मान्यताओं वाले धार्मिक पर्यटन हैं। इस बार यात्रा पर आए श्रद्धालुओं की आदि कैलाश यात्रा बेहद खास है। इसमें केएमवीएन पिथौरागढ़ के द्वारा चलाए गए विभिन्न अभियान एक पौध धरती मां के नाम, हिमालय बचाओ शपथ, उच्च हिमालय क्षेत्रों में वृक्षारोपण, एक दीपक शहीदों के नाम और हिमालय क्षेत्र से कूड़ा उठाकर वापस लाने जैसे अभियान के हिस्सा बनने के साथ पिथौरागढ़ के धार्मिक पर्यटन से रूबरू हुए। आदि कैलाश यात्रा के लिए 800 से अधिक लोगों काक पंजीकरण हुआ था। 17 दलों की यात्रा पूरी होने के बाद 18 वां दल अगस्त के बाद अपनी यात्रा शुरू करेगा।