- पंद्रह साल से कम उम्र के बच्चों को मस्जिद में आने की अनुमति नहीं दी गई है.
सऊदी अरब में तकरीबन दो महीने से कोविड-19 की वजह से मस्जिदें बंद थी. रविवार को मस्जिदें खोल दी गईं लेकिन लोग कोरोना वायरस की चपेट में न आए इसलिए उन्हें कोविड-19 से बचने के लिए प्रोटोकॉल फॉलो करने होंगे.मस्जिदों में प्रवेश के दौरान दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है.
इस्लाम का सबसे पवित्र पर कोविड-19 की नजर
मक्का में इस्लाम का सबसे पवित्र स्थल जनता के लिए बंद था. मिड मार्च में इसे बंद किया गया था.इसके साथ ही येरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद को भी खोल दिया गया है. सऊदी अरब के मक्का और मदीना के बाद अल-अक्सा इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को मस्जिद खुलने से पहले उसके प्रवेश द्वार पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े. बहुत से श्रद्धालुओं ने मास्क लगाया था. अंदर घुसते ही श्रद्धालुओं ने शरीर का तापमान दर्ज कराने से इनकार कर दिया.
90,000 मस्जिदों में हुआ सैनिटाइजेशन
सऊदी अरब में सरकार ने 90,000 मस्जिदों को दोबारा खोलने से पहले नमाज पढ़ने की कालीनों, शौचालयों और कुरान रखने के स्थान को सैनिटाइज करवाया. इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि मस्जिदों में नमाज पढ़ने के नए नियमों के बारे में लाखों लोगों को उनकी भाषा में मोबाइल पर संदेश भेजे गए. नए नियमों के अनुसार नमाज पढ़ते समय दो मीटर की दूरी रखना, हर समय मास्क लगाना और हाथ मिलाना या गले लगने से परहेज करना आवश्यक है. पंद्रह साल से कम उम्र के बच्चों को मस्जिद में आने की अनुमति नहीं दी गई है.