25 मई को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे सैयद सलाउद्दीन के काफिले पर एक हमला हुआ
हमला पाक की राजधानी इस्लामाबाद की स्ट्रीट नंबर-8 के पास हुआ था
नया संगठन और हिजबुल मुजाहिद्दीन को फंड न मिलने से सलाउद्दीन से हो रहा मतभेद
न्यूज़ डेस्क – हिजबुल मुजाहिद्दीन के चीफ सैयद सलाउद्दीन पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की नजरें टेढ़ी हो गई है. 25 मई को करीब साढ़े 12 बजे दोपहर में सैयद सलाउद्दीन पर जानलेवा हमला हुआ है. इसमें आईएसआई का हाथ होने की बात सामने आ रही है.हमला इस्लामाबाद की स्ट्रीट नंबर-8 के पास हुआ था. इस हमले में सलाउद्दी गंभीर रूप से घायल भी हो गया था. हमले के बाद से ही सलाउद्दीन को एक सेफ हाउस में रखा गया है.
नाराजगी क्यों बढ़ी
सूत्रों की मानें तो हिजबुल के चीफ और आईएसआई के बीच इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था. दोनों की बीच कई बार नाराजगी बढ़ चुकी है.दरअसल, इन सब के पीछे पाकिस्तान की आईएसआई का शुरू किया गया एक नया आतंकी संगठन ‘द रेसिडेंट फ्रंट’ यानि टीआरएफ को माना जा रहा है. आईएसआई की तरफ से टीआरएफ को मिल रही तवज्जो और हिजबुल मुजाहिद्दीन को फंड न मिलने के कारण सलाउद्दीन आईसीआई से काफी नाराज था. और बताया जा रहा है कि उसने आईएसआई के खिलाफ बहुत सी बातें बोलना शुरू कर दिया है जो आईएसआई को रास नहीं आ रहा है. हालांकि केवल सलाउद्दीन को डराने की मंशा से ही ये हमला कराया गया था.
टीआरएफ , हिजबुल का विकल्प
सूत्रों के मुताबिक, आईएसआई ने एक नया संगठन बनाया है. जिसे टीअारएफ नाम दिया गया है. इसे पिछले साल दिसंबर में लॉन्च किया गया था, जब संसद ने जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल-370 को खत्म कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों, लद्दाख और जम्मू और कश्मीर में विभाजित किया. आईएसआई ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले करने के लिए इस ग्रुप को बनाया है. खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले कुछ हफ्तों में जम्मू-कश्मीर में बड़े आतंकी हमलों और गोलाबारी की जिम्मेदारी भी इसी रेसिस्टेंस फ्रंट ने ली थी. टीआरएफ को पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के तीन शीर्ष कमांडर नियंत्रित कर रहे हैं.
2017 में ग्लोबल आंतकी यूएस ने घोषित किया
सैयद मोहम्मद युसूफ शाह जिसे कि आमतौर पर सैयद सलाउद्दीन के नाम से जाना जाता है. वह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का चीफ है जो कश्मीर घाटी से अपने ऑपरेशन को अंजाम देता है. वह हिजबुल से पहले एंटी-इंडिया आतंकी समूह जिहाद काउंसिल का अध्यक्ष रह चुका है.
26 जून 2017 को अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने उसे विशेष नामित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था. हालांकि इस घोषणा के बाद वह मुजफ्फराबाद के सेंटर प्रेस क्लब में पाकिस्तानी मीडिया से बात करता हुआ नजर आया था. उसने कहा था कि यह घोषणा अमेरिका, इजरायल और भारत की पाकिस्तान के प्रति शत्रुता दिखाती है.