- दवा देने कोई नहीं आता, तीन दिन से सांस की दिक्कत हो रही है
- पैरासीटामॉल से हो रहा इलाज, सिर्फ पानी सही से नहीं मिल रहा
न्यूज़ डेस्क : मेरठ के मेडिकल कॉलेज में कोरोना वार्ड में एडमिट एक मरीज का ऑडियो वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि यह ऑडियो मेरठ के विनोद अरोड़ा से कोरोना पेशेंट के बातचीत का है. तेजी से सोशल मीडियो और व्हाट्सएप ग्रुप्स में यह ऑडियो वायरल हो गया है. जिला प्रशासन को इसकी भनक लगी तो जांच के आदेश दिए गए हैें. इसमें मेडिकल कॉलेज में सुविधाएं न मिलने के आरोप लगे हैं. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का कहना है कि वह इस मामले की जांच करा रहे हैं.
तीन से डॉक्टर झांकने तक नहीं आए
ऑडियो में कोरोना वार्ड में एडमिट युवक कहता है कि तीन दिन से मैंने बता रखा है कि मुझे सांस लेने में दिक् कत हो रही है लेकिन कोई डॉक्टर झांकने तक नहीं आया. स्टाफ से कुछ लोग आते है और लिखकर चले जाते हैं उसके बाद पता नहीं चलता क्या हुआ. जब पूछा जाता है कि कितने लोग हो तो युवक कहता है तकरीबन 35 लोग.दवा के बारे में युवक कहता है कि कोई दवा नहीं आ रही. बस पानी हर समय मिल जाता है.
किसी को पता नहीं कोरोना है कि नहीं
कोरोना होने की जानकारी भी किसी को नहीं है. यहां तो बस टाइम पास वाली कहानी चल रही है. गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज से 10 से ज्यादा कोरोना संदिग्ध पहले भाग चुके हैं. हालांकि पुलिस ने उन्हें पकड़कर दोबारा एडमिट कराया था.
शीशे तोड़ने की कोशिश
ऑडियो में एक व्यक्ति को साफ यह कहते सुना जा सकता है कि सिर दर्द की शिकायत थी कि कोरोेना वार्ड में भेज दिया एक युवक को. वह युवक चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा था कि मुझे सिर दर्द की प्रॉब्लम है आप क्यों कोरोना वार्ड में भेज दिया. मैं मर गया तो मेरे परिवार का क्या होगा. युवक के चिल्लाने पर भी वार्ड में काई झाकने नहीं आया फिर थकहार कर युवक ने शीशे तोड़ने की कोशिश की.यहां दहशत से भरा माहौल हो गया है.
क्यो बोले जिम्मेदार?
मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर सी गुप्ता का कहना है कि 40 से ज्यादा लोग ठीक होकर जा चुके हैं. जो शिकायतें मिली है उनका निस्तारण कराया जा रहा है.कुछ परेशानियां पहले थी जो ठीक कर ली गई है कुछ मरीज को लग सकता है कि उनको दवाएं कम दी गई है.दरअसल इसमें सिर्फ तीन दवाएं ही दी जाती है. पेशेंट को समय से खाना दिया जा रहा है. इलाज करने में लापरवाही यदि कोई पाया गया तो उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.