अमृतसर। खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह को आखिरकार करीब 36 दिन बाद पकड़ लिया गया है। अमृतपाल सिंह को मोगा पुलिस ने पकड़ लिया। रविवार सुबह पुलिस ने अमृतपाल सिंह को मोगा के गांव रोड़े के गुरुद्वारा से सरेंडर के बाद गिरफ्तार किया है। पुलिस कई दिनों से देश के कई हिस्सों में उसकी तलाश कर रही थी। सरेंडर से पहले उसने गुरुद्वारा साहिब से संबोधित किया था। यह जरनैल सिंह भिंडरावाला का गांव है।
अमृतपाल सिंह भेजा जाएगा डिब्रूगढ़ जेल
जरनैल सिंह भिंडरावाले के भतीजे के अनुसार, शनिवार देर रात अमृतपाल सिंह गांव रोडे पहुंच गया था। जहां पर उसने पुलिस अधिकारियों से सरेंडर करने की बात कही। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजने की तैयारी हो रही है। बठिंडा एयरपोर्ट पर मेडिकल के बाद उसे एयरलिफ्ट करके असम भेजा जाएगा।
अमृतपाल ने 29 मार्च को एक वीडियो जारी किया था। जिसमें उसने दावा किया था कि वह बच निकलने में कामयाब रहा है और अब सुरक्षित है। अमृतपाल ने सशर्त आत्मसमर्पण की बात भी कही थी, लेकिन इस संबंध में भी पुलिस के सारे अनुमान गलत साबित हुए थे।
पुलिस को चकमा दे रहा था खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल
बीते एक महीने की जद्दोजहद को लेकर पंजाब पुलिस का दावा किया था कि अमृतपाल दो बार चकमा देकर बच निकलने में कामयाब रहा, लेकिन पुलिस की असफलता पर भी सवाल खड़े होने लगे थे और पूरे घटनाक्रम को पंजाब पुलिस और खुफिया तंत्र की नरमी करार दिया जा रहा था।
मेडिकल के लिए ले जाया गया बठिंडा एयरपोर्ट
बताया जा रहा है कि अमृतपाल पर करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं। अमृतपाल ने गुरुद्वारे में शरण ले रखी थी। एक ग्रंथी ने अमृतपाल के वहां होने की सूचना पुलिस को दी थी। अमृतपाल को पकड़ने के बाद पंजाब पुलिस उसे बठिंडा एयरपोर्ट ले गई। बताया जा रहा है उसे एयरलिफ्ट करके असम भेजा जाएगा। इससे पहले उसका मेडिकल किया जा रहा है।