न्यूज़ डेस्क – आगरा में एएएएन मेडिकल कॉलेज संक्रमण का केंद्र तो नहीं बन गया यह बात लोगों के मन में आ रही है. दरअसल, एसएन के स्टाफ के अलावा शुक्रवार को यहां प्रेग्नेट लेडी के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी. इससे पहले भी एसएन के स्टाफ के संक्रमित होने के मामले सामने आ चुके हैं. नाम न छापने की शर्त पर स्थानीय लोगों ने बताया कि मन में यह भय है कि एसएन में जाना, मतलब कोरोना के संक्रमण का शिकार हो जाना. यह एक बड़ी चिंता का विषय है कि क्योंकि अधिकांश प्राइवेट हॉस्पिटल बंद हैं और लोगों के पास इलाज कराने के लिए सीमित माध्यम है. गौरतलब है कि शनिवार सुबह तक आगरा मेंं कुल कोरोना की चपेट में 701 लोग आ चुके थे और 22 लोगों की मौत हो चुकी है और 303 लोग ठीक हो चुके हैं.
आगरा में 23वीं मौत
कोरोना वायरस संक्रमण से आगरा में 23वीं मौत हुई है. हरीपर्वत क्षेत्र के 75 वर्षीय गुर्दा रोगी की छह मई को हुई मौत के बाद शुक्रवार को कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आई थी. उन्हें चार मई को एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. हालांकि प्रशासन ने इनकी मौत की सूचना जारी नहीं की है.गौरतलब है कि गुरुवार रात यहां एक अखबार के वरिष्ठ पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ की मौत हो गई.आगरा के पंचकुइयां स्थित अशोक नगर निवासी कुलश्रेष्ठ की कोरोना रिपोर्ट 4 मई को आई थी.उसमें वह पॉजिटिव निकले थे. उसके बाद से वह आइसोलेशन में भर्ती थे. उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हें एसएनएमसी में वेंटिलेटर पर रखा गया था.उनके निधन से पत्रकार जगत स्तब्ध है.
ब्रजमंडल में अपनी कलम की धार का लोहा मनवाया
पंकज कुलश्रेष्ठ वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर के बाद डेस्क इंचार्ज बनाए गए थे.उन्होंने मथुरा ब्यूरो चीफ की भी जिम्मेदारी निभाई थी. कुलश्रेष्ठ ने पूरे ब्रजमंडल में अपनी कलम की धार का लोहा मनवाया था. इस बीच कुछ पत्रकार जगत के लोग प्रशासन द्वारा सही व्यवस्थाएं ना देने के कारण उनकी मौत का आरोप भी लगा रहे हैं, हालांकि इस मामले में प्रशासन दुख व्यक्त कर रहा है और किसी भी तरह के बयान देने से पीछे हट रहा है.
प्राइवेट हॉस्पिटल्स के डॉक्टरों को ट्रेंनिंग
कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए आगरा के निजी अस्पतालों के डॉक्टरों को इन्फेक्शन प्रिवेंटिव कंट्रोल के लिए ट्रेनिंग दिलाई जा रही है. एक बार में 13 से 25 लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. सीएमओ की देखरेख में ट्रेनिंग दी जा रही है. अभी तक 250 से ज्यादा डॉक्टरों की ट्रेनिंग दी जा चुकी है. इसके बाद यह सभी स्टाफ आईसोलेशन वार्ड में काम करने वाले डॉक्टरों के सहयोगी बनेंगे. संक्रमित मरीजों का ट्रीटमेंट और देखभाल की जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी. ट्रेनिंग के नोडल अफसर डाॅ. पीके शर्मा बनाए गए हैं.
वायरस की मार के बीच जीना सीखना होगा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव जब हम लॉकडाउन में छूट या ढील की बात कर रहे हैं और प्रवासी श्रमिक अपने-अपने घर लौट रहे हैं, तो हमारे सामने एक बड़ी चुनौती पैदा हो रही है और हमें अब कोरोना वायरस के साथ रहना सीखना होगा. संयुक्त सचिव ने कहा, जब हम वायरस के साथ जीना सीखने की बात कर रहे हैं तो यह अहम है कि खुद को वायरस संक्रमण से बचाने के लिए दिशा-निर्देशों को पूरा समाज अपने अंदर समाहित करे और उसे अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाए.उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी चुनौती है और सरकार को इसके लिए समाज का सहयोग चाहिए. बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हाल ही में लॉकडाउन में कुछ छूट देते हुए लोगों से कहा था कि अब शहर को खोलने का वक्त आ गया है और सभी को इस कोरोना वायरस के साथ जीना सीखना होगा.