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देश में कुदरत का कहर जारी, उत्तराखंड, हिमाचल में बादल फटे, सैकड़ों लोग फंसे, कई मौतें

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देश के कई हिस्सों में कुदरत का कहर जारी है, कहीं भूस्खलन हो रहे हैं, तो कहीं बादल फट रहे हैं. अभी दो दिन पहले ही केरल के वायनाड में कुदरत ने कहर बरपाया और भारी बारिश के कारण से हुए भूस्खलन में 200 से ज़्यादा लोगों की जानें चली गयीं, एक गाँव तो पूरी तरह तबाह हो गया और अब उत्तराखंड और हिमाचल में बदल फटने की घटनाये हुई हैं जिनमें सैकड़ों लोगों के फंसे होने की बात कही जा रही है. कल से उत्तराखंड में बादल फटने से टिहरी में दो लोगों की मौत, केदारनाथ में 200 लोग फंसे होने की बात कही जा रही हैं वहीँ आज हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हैं।

शिमला में मौसम विभाग (MeT) कार्यालय ने अगले 24 घंटों के लिए राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश, गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने का ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है। रिपोर्टों के अनुसार कुल्लू जिले में ब्यास और पार्वती नदियों में अचानक आई बाढ़ ने सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है।

भारी बारिश के बाद पार्वती नदी पर स्थित मलाना में एक जलविद्युत परियोजना का बांध टूट गया है। कुल्लू प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों को नदी और जलमार्गों के पास न जाने की सलाह दी है।मौसम विभाग ने कुल्लू, सोलन, सिरमौर, शिमला और किन्नौर जिलों के संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन और अचानक बाढ़ आने की आशंका जताई है।

वहीँ बुधवार को पूरे उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण टिहरी जिले के घनसाली में बादल फटने से दो लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान 50 वर्षीय भानु प्रसाद और उनकी पत्नी 45 वर्षीय नीलम देवी के रूप में हुई है। घनसाली के जखन्याली में बादल फटने के कारण नौतार नाले के पास एक भोजनालय और एक पुलिया बह जाने से उनका 28 वर्षीय बेटा विपिन घायल हो गया।

केदारनाथ पैदल मार्ग के साथ भीम बाली नाले के पास भी बादल फटने की घटना हुई, जिससे भूस्खलन हुआ और मार्ग का लगभग 25 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। मार्ग के अस्थायी रूप से बंद होने से भीम बाली में लगभग 200 तीर्थयात्री फंस गए।

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