प्रधानमंत्री मोदी किसी भी मंच पर हों वो दो बातें कभी नहीं भूलते। एक चुनाव का ज़िक्र करना और दूसरा कांग्रेस पर निशाना साधना। प्रधानमंत्री आज परीक्षा पर चर्चा के दौरान छात्रों को सम्बोधित कर रहे थे. लेकिन इस दौरान वो अपने आलोचकों पर निशाना साधना नहीं भूले, कांग्रेस का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की आलोचना करने की आदत होती है, ऐसे लोगों को नज़रअंदाज़ करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि दरअसल ऐसे लोग आलोचना नहीं करते, आलोचना का तो स्वागत है, लेकिन इनका इरादा कुछ और होता है. प्रधानमंत्री ने छात्रों को दबाव में नहीं रहने की सीख देते हुए कहा कि हम भले ही कितने ही चुनाव जीत लें लेकिन हर बार ऐसा दबाव बनाया जाता है कि हमें हारना नहीं है.
समझाया समय प्रबंधन का महत्त्व
प्रधानमंत्री ने समय प्रबंधन का महत्त्व समझाते हुए कहा कि सिर्फ परीक्षा के लिए नहीं वैसे भी जीवन में हमे समय के प्रबंधन के प्रति सबको जागरूक रहना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि समय से काम न करने पर काम का ढेर बढ़ता जाता है, उन्होंने कहा कि काम करने से थकान नहीं बल्कि संतोष मिलता है, थकान तो काम ना करने से होती क्योंकि दिमाग़ में रहता है कि इतना काम बचा है.
डिजिटल फास्टिंग की बात
मोबाइल और दूसरी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों पर लोगों के बढ़ते रुझान को खतरनाक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको यह तय करना होगा कि आप स्मार्ट हैं या फिर आपका मोबाइल। जब आप गैजेट्स को अपने से ज़्यादा स्मार्ट मानते हैं तो समस्या शुरू हो जाती है, यह चिंता की बात है कि हम गैजेट्स के गुलाम बनते जा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि औसतन भारत में लोग 6 घंटे स्क्रीन पर लगाते हैं. यहाँ हमें सतर्क रहने की ज़रुरत है. प्रधानमंत्री ने छात्रों को डिजिटल फास्टिंग करने की सलाह देते हुए कहा कि हफ्ते में एक दिन अपने गैजेट्स से दूर रहना चाहिए.