बीजापुर। बीजापुर-सुकमा-तेलंगाना सीमा क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन शुरू किया है। इसके तहत इलाके में एनएसजी कमांडो उतारे गए हैं। वहीं दूसरी ओर कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो ने कहा है कि सुरक्षा बलों की हवाई सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन को पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) ने विफल किया है। हेलीकॉप्टरों के जरिए सैकड़ों बम गिरा दिए गए। एयर सर्जिकल स्ट्राइक में एनएसजी कमांडो फोर्स का उपयोग किया है।
नक्सली भागने पर मजबूर
सीआरपीएफ के छत्तीसगढ़ सेक्टर आईजी द्वारा जारी बयान में कहा है कि बीजापुर-सुकमा-तेलंगाना सीमा इलाके में नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है। 11 जनवरी को सीआरपीएफ कोबरा बटालियन की टुकड़ी, हेलीकॉप्टर द्वारा फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस पर भेजी थी। हेलीकॉप्टर से यह टुकड़ी उतर रही थी, उस दौरान कोबरा और नक्सलियों के बीच फायरिंग हुई। नक्सली, भागने पर मजबूर हो गए। कोबरा की टुकड़ी को कोई नुकसान नहीं हुआ। कोबरा, एक विशेष फोर्स है, जिसे राष्ट्र विरोधी तत्वों से निपटने में महारथ हासिल है।
चार साल पहले भी एनएसजी कार्रवाई
इस पूरे इलाके में चार साल पहले 2018 में एनएसजी की कार्रवाई हुई थी। सूत्रों का कहना है कि अभी तक नक्सलियों के खात्मे में सबसे बड़ा योगदान कोबरा कमांडो का है। यह विश्व स्तरीय एलीट फोर्स है। जो वारफेयर में निपुण है। कोबरा ने नक्सलियों को उनके गढ़ में जाकर खदेड़ा है। अब नक्सलियों के सफाए के लिए एनएसजी को उतारा है। नक्सली कमांडर हिड़माल को खत्म करने के लिए एनएसजी विशेष प्रशिक्षित दस्ते को एयर ड्रॉप किया है। जंगल युद्ध में ग्रेहाउंड्स पूरी तरह से माहिर हैं। इनकी ट्रेंनिंग हैदराबाद के एक प्रतिबंधित क्षेत्र में दी गई है। एनएसजी ने इसे नियमित प्रशिक्षण बताया था।