बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की बड़ी इच्छा है कि विपक्ष एक जुट जाए और 2024 के लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर भाजपा का मुकाबला करे। इसके लिए उनकी कोशिशें तभी से शुरू कर दी थीं जबसे बिहार में जेडीयू और भाजपा का तलाक हुआ था. बाद में राजद के साथ वो एकबार मुख्यमंत्री बने लेकिन तभी से उनकी राजनीतिक प्राथमिकताएं बदल गयी और बिहार की राजनीती से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति ज़ोरआज़माइश करने लगे हैं.
नितीश की नई पहल
नितीश ने अब इस मामले में एक नई पहल की है, पूरे विपक्ष को जोड़ने की कोशिश के बीच अब पहले वो पूरे देश में बिखरे हुए समाजवादी कुनबे को जोड़ने की कोशिश करना चाहते हैं. बिहार में जेडीयू राजद गठजोड़ चल ही रहा है, दोनों ही पार्टियां समाजवादी विचारधारा की है. इस मामले में कर्नाटक, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश अहम् कड़ी हैं. कर्नाटक में नितीश जेडीएस को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में लग गए हैं वहीँ ओडिसा में बीजेडी से भी बातचीत शुरू हुई है.
एक मज़बूत प्लेटफॉर्म बनाने की कवायद
वहीँ यूपी में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल को साथ में जोड़ने की कोशिश है. यह सभी पार्टियां जनता दल का हिस्सा रही हैं। नितीश कुमार अब इस बिखरे हुए समाजवादी कुनबे को एक मंच पर लाकर एक बड़ी शक्ति का गठन करना चाहते हैं जो कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ भाजपा को एक मज़बूत टक्कर दे सके. नितीश कुमार ने कर्नाटक में कुमारस्वामी से बात की है, अभी नवीन पटनायक से उनकी बात नहीं हुई है लेकिन उन्हें भरोसा है कि पुराने कुनबे से जुड़ने में उन्हें कोई ऐतराज़ नहीं होगा। समाजवादी पार्टी और जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली रालोद का साथ मिलने का नितीश को पूरा भरोसा है. नितीश कुमार की सोच है कि सम्पूर्ण विपक्ष को इकठ्ठा करने से पहले अगर समाजवादी कुनबे को जोड़ने में कामयाबी मिल गयी तो बाकी विपक्षी पार्टियों को भी एक मंच पर लाने में आसानी होगी।