मेरठ। प्रदेश में सत्ता किसी भी हो। याकूब कुरैशी का इकबाल हमेशा बुलंदी पर रहा। मेरठ में मीट कमेले के बेताज बादशाह याकूब कुरैशी का ऐसा हाल होगा ये किसी ने सोचा भी नहीं था। बसपा सरकार में मंत्री रहे याकूब कुरैशी के एक इशारे पर लोग मरने और मारने को तैयार रहते थे। हनक इतनी रहती थी कि अधिकारी तक हाथ डालने की हिम्मत नहीं जुटाते थे।
सराय बहलीम से लखनऊ तक रूतबा
पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी की कोठी सराय बहलीम में है। मीट माफिया याकूब कुरैशी का रूतबा सराय बहलीम से लेकर लखनऊ तक था। याकूब मोहल्ले के लोगों के साथ दबंगई अंदाज में बात करता था। 90 के दशक में मेरठ के कमेले का विवाद हो या फिर डेनमार्क के कार्टूनिस्ट का सिर कलम करने पर 100 करोड का इनाम देने की घोषणा वाला बयान। याकूब कुरैशी हमेशा से सुर्खियों में ही रहे।
सपा सरकार आते ही शुरु गर्दिश में आए याकूब
वर्ष 2012 में प्रदेश में सरकार समाजवादी की पार्टी की बनी तो याकूब कुरैशी गर्दिश में आ गए। बता दें सपा के कददावर नेता आजम खान और याकूब कुरैशी के बीच राजनीतिक अदावत काफी पुरानी है। सपा शासनकाल में आजम खान नगर विकास मंत्री बने। इसके बाद आजम खान ने मेरठ में अवैध रूप से चल रहे मांस कटान कमेले को भी बंद करने कके आदेश दे दिए। भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में मेरठ का कमेला बंद कर दिया गया। बताया जाता है मेरठ के कमेले से याकूब कुरैशी को प्रतिदिन लाखों की आय होती थी। इसी कमेले ने याकूब कुरैशी की तकदीर बदली। जिससे याकूब अरबपति बने।
2017 के बाद से खत्म हुई हनक
प्रदेश में 2017 में भाजपा की सरकार बनी। भाजपा ने मुख्यमंत्री की कमान योगी आदित्यनाथ को सौंपी। उसके बाद से माना जाने लगा था कि अब याकूब कुरैशी के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। भाजपा सरकार बनते ही याकूब कुरैशी ने भी चुप्पी साधने में अपनी भलाई ही समझी। लेकिन आखिरकार याकूब कुरैशी कानून के चंगुल में फंस ही गए। कानूनी शिकंजे में सिर्फ याकूब करैशी ही नहीं बल्कि उनके दोनों पुत्र भी आ गए।
जिस कोठी की पुलिस करती थी पहरेदारी उसमें दबिश
याकूब कुरैशी की आलीशान कोठी जब कुर्क हुई तो याकूब कुरैशी का रूतबा भी कुर्क हो गया। सपा और बसपा शासन काल में याकूब कुरैशी की खूब हनक थी। याकूब कुरैशी की इस कोठी की पहरेदारी पुलिस खुद करती थी। इतना ही नहीं मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस घर पर दबिश डालने की हिम्मत नहीं जुटा पाती थी। सरकार बदली तो याकूब का आस्तिव खत्म हो गया।
बेटों की दबंगई के थे चर्चे
कोतवाली क्षेत्र के सराय बहलीम में याकूब कुरैशी की सल्तनत चलती थी। याकूब के बेटों इमरान और फिरोज की दबंगई ऐसी थी कि गाड़ी का हार्न बजते ही सड़क खाली होती थी।
दोनों बेटों की सुरक्षा में पांच से दस बाउंसर साथ रहते थे। कई बार बेटा फिरोज खुलेआम पिस्टल निकाल फायरिंग कर चुका था। याकूब कुरैशी ने तो हापुड अडडे पर ही सिपाही चहन सिंह को थप्पड़ तक जड़ दिए थे। इसके बाद भी पुलिस अधिकारियों की हिम्मत याकूब तक पहुंचने की नहीं हुई थी। आज वहीं याकूब कुरैशी अपने बेटों के साथ सलाखों के पीछे जा चुका है।