कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सांस की बीमारी से सात बच्चों की मौत हो चुकी है। बंगाल सरकार ने कहा है कि हाल के वर्षों में सांस के संक्रमण(एआरआई) और एडेनोवायरस के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए है। स्थिति के निपटने के लिए बीसी रॉय अस्पताल में वरिष्ठ डॉक्टरों को तैनात किए गए हैं। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से मास्क पहनने की अपील की है। पीड़ित बच्चों के मामले बढ़ रहे पश्चिम बंगाल के कई जिलों में सांस की बीमारी (ARI) से पीड़ित बच्चों के मामले बढ़ रहे है। सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज (NBMCH) में विभिन्न जिलों के सांस की बीमारी से पीड़ित बच्चों का इलाज चल रहा है। कुछ बच्चों को क्रिटिकल केयर यूनिट में भी भर्ती कराया गया है। सामान्य वायरल संक्रमण अस्पताल के मुताबिक, यह सामान्य वायरल संक्रमण का समय है। ऐसे मौसम में इन्फ्लूएंजा, पैरा इन्फ्लुएंजा और मेटा नोवा जैसे वायरस बच्चों में संक्रमण फैलाते हैं। NBMCA के अधीक्षक डॉ. संजय मल्लिक ने कहा कि कोलकाता के अस्पतालों में मरीजों की संख्या उतनी नहीं है। लेकिन कड़ी निगरानी रख रहे हैं। बच्चों को भर्ती करने के लिए अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं हैं। लेकिन एडेनोवायरस मामलों जांच करने की सुविधा नहीं है। बढ़ती बीमारी से बच्चों के परिजन परेशान बीमार भर्ती बच्चे के परिजनों का कहना है कि खांसी, सर्दी और सांस लेने में बच्चों को तकलीफ होने के कारण अस्पताल में इलाज करा रहे है। कोलकाता में कई बच्चों की मौत से हम बहुत चिंतित हैं। H3N2 सांस की बीमारी का कारण बढ़ते मामलों के बीच, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इन्फ्लुएंजा ए H3N2 को बढ़ती सांस की बीमारी का प्रमुख कारण बताया है। बच्चों में एडेनोवायरस आमतौर पर सांस और आंत नाल में संक्रमण का कारण होता है। चिकित्सकों का कहना है कि दो साल तक के बच्चों को संक्रमण का ज्यादा खतरा रहता है। दो से पांच साल वाले बच्चों को संक्रमण का अधिक खतरा होता है। पांच से 10 साल तक के बच्चे भी चपेट में आ रहे हैं।
West Bengal: सात बच्चों मौत के बाद जागी Mamta सरकार, किए चिकित्सा प्रबंध
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