कांगड़ा। हिमाचल के जिला कांगड़ा में रात को जोरदार धमाका हुआ। धमाका अनसोली गांव में घर पर एक राकेट जैसा विस्फोटक पदार्थ आ गिरने से हुआ। धमाके के बाद लोग सहम गए व अपने घरों से बाहर निकल आए। गनीमत रही कि घर में मौजूद कोई शख्स इसकी चपेट में नहीं आया। बताया जाता है कि राकेट नुमा विस्फोटक घर की रसोई में आ पहुंचा और धमाका हुआ। इससे रसोई की स्लैब टूट गई। धमाके से घर को नुकसान हुआ। पुलिस को तुरंत मौके पर पड़ताल के लिए बुलाया। घटना बीती रात की है। कई टुकड़ों में मिले अवशेष से लोग इसे राकेट समझ कर डर गए।
विस्फोटक पदार्थ लक्की कुमार के घर की छत पर गिरा। इस कारण छत को नुकसान पहुंचा। इसके अलावा आसपास की दीवारों को क्षति पहुंची है। हादसे के समय परिवार रसाेई के साथ लगे कमरे में खाना खा रहा था। पंचायत प्रधान अंबिका देवी व ग्रामीणों ने गगल पुलिस थाना में इसकी सूचना दी। थाना प्रभारी केसर सिंह की टीम मौके पर पहुँची और पड़ताल की।
थाना प्रभारी ने बताया कि सेना की ओर से रात को नजदीक कुहाला के जंगल में गतिविधि की थी। सेना के कुछ जवान रात को साढ़े 11 बजे के करीब घटनास्थल पर पहुंचे थे। जिला कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक डा. खुशहाल शर्मा ने कहा अनसोली में धमाका हुआ है, लेकिन यह कोई राकेट नहीं, बल्कि सेना का लाइट टार्च सैल है। जिसे आकाश में अंधेरे को दूर करने के लिए रोशनी के लिए किया जाता है।
यह सीधा अपने टारगेट पर जाता है, लेकिन होरिजेंटल के बजाय यह वर्टिकल गया। मतलब सीधा ऊपर जाने की बजाय ये एक तरफ चला गया और घर में जा पहुंचा जिससे धमाका हो गया। हालांकि इससे अभी किसी को नुकसान की सूचना नहीं है। यह पता चला है कि यह सेना का है और सेना द्वारा चलाया गया है। आगामी पड़ताल जारी है।
सेवानिवृत्त सेना अधिकारी कैप्टन पुरुषोत्तम चंद का कहना है की राकेट लांचर व टू इंच मोर्टर के साथ लाइट टार्च सैल का प्रयोग होता है। फायरिंग चली हो तो ये अंधेरे को रोशनी में बदलकर दुश्मन टारगेट को देखने लिए प्रयोग होता है। कछियारी में सेना की ओर से अभ्यास होता है। यहां सेना की फायरिंग रेंज भी है। इससे पहले यहां इस तरह के हादसे हो सकते हैं। कुछ वर्ष पहले मोर्टार फटने से एक बच्चे की मौत हो गई थी।