नई दिल्ली। इस्राइली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस पर बवाल के बाद अब सरकारों ने अपना पैतरा बदल दिया है। प्रभावशाली लोगों की जासूसी के लिए सरकारों ने नया सॉफ्टवेयर तलाश लिया है। यह नया साफ्टवेयर पेगासस की अपेक्षा बहुत कारगर और पकड़ में नहीं आने वाला है। जासूसी के लिए उपयोग किए जाने वाले इस सॉफ्टवेयर का नाम हर्मिट स्पाइवेयर है। जो कि अब सरकारें इस्तेमाल कर रही हैं। यह जानकारी हाल ही में एक साइबर सुरक्षा कंपनी ने देकर तहलका मचा दिया है। कई देशों की सरकारें हर्मिट स्पाइवेयर के माध्यम से राजनेता, वरिष्ठ अधिकारी, मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार, शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े लोगों की जासूसी का काम कर रही हैं। लुकआउट थ्रेट लैब नामक कंपनी की एक रपट के अनुसार पहली बार इस साफ्टवेयर का उपयोग कजाखस्तान में होता पाया। कजाखस्तान में सरकारी नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरकर लोग प्रदर्शन कर रहे थे तो आंदोलन को कजाख सरकार ने बलपूर्वक दबा दिया। उसी दौरान कजाख सरकार जासूसी के लिए हर्मिट स्पाइवेयर का उपयोग कर रही है। सीरिया और इटली में यूजर्स के फोन में यह एंड्रॉयड आधारित सॉफ्टवेयर उपयोग में लाया जा रहा है। कंपनी ने बताया कि यह मॉड्यूलर स्पाइवेयर है। जो डाउनलोड होते ही काम शुरू कर देता है।
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यह एंड्रॉयड फोन पर इंस्टाल होता है। यह फोन चेक करने के साथ ही उसके फंक्शन के बारे में पता कर लेता है। ये जासूसी साफ्टवेयर मोबाइल में एसएमएस के माध्यम से इंस्टॉल किया जाता है। जासूसी सॉफ्टवेयर हर्मिट स्पाइवेयर फिशिंग अटैक जैसा है।
डाउनलोड होते ही हर्मिट काम शुरू कर देता है। इसके माध्यम से ऑडियो रिकॉर्ड की जा सकती है। वहीं इससे कॉल भी कर सकते हैं। यह कॉल लॉग, डिवाइस की लोकेशन,एसएमएस डाटा चुरा सकता है।इसके आईओएस वर्जन का पता चला है। यानी आईफोन में यह सेंध लगा सकता है लेकिन उसके सैंपल नहीं मिले हैं। हर्मिट स्पाइवेयर साफ्टवेयर को इटली की कंपनी स्पाइवेयर वेंडर आरसीएस लैब और टेलीकम्युनिकेशन सॉल्यूशन कंपनी द्वारा तैयार किया है। इटली सरकार ने इसका उपयोग 2019 में भ्रष्टाचाररोधी अभियान के लिए किया। आरसीएस लैब पेगासस बनाने वाली इस्राइली कंपनी एनएसओ ग्रुप और फिनफिशर गामा ग्रुप के क्षेत्र में काम करती है। आरसीएस लैब के संबंध चिली,पाकिस्तान, बांग्लादेश, मंगोलिया, म्यांमार, वियतनाम और तुर्कमेनिस्तान की सैन्य और इंटेलिजेंस एजेंसियों से रहे हैं।