Gyanvapi Case: सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से जिला जज अदालत में दाखिल याचिका पर सुनवाई के लिए 10 नवंबर की तारीख नियत हुई है।
ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी का तहखाना जिलाधिकारी के सुपुर्द किए जाने की मांग को लेकर दाखिल किए वाद की सुनवाई टल गई है। यह वाद व्यास परिवार के शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास की तरफ से दाखिल किया है। अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि दो नवंबर निर्धारित की है।
मसाजिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई 10 को
सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से जिला जज की अदालत में दाखिल याचिका पर सुनवाई अब 10 नवंबर को होगी। इसकी तारीख 10 नवंबर नियत की गई है। जिला जज के अवकाश पर होने के कारण इस याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने, वहां मिले शिवलिंग जैसी आकृति की पूजा का अधिकार देने और मुस्लिमों का प्रवेश प्रतिबंधित करने की मांग को लेकर किरण सिंह विसेन अदालत में वाद दायर की थी।
मसाजिद कमेटी की ओर से वाद की पोषणीयता को चुनौती
इस वाद पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से वाद की पोषणीयता को चुनौती दी गई थी। दोनों पक्षों में हुई बहस को सुनने के बाद सिविल जज(सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) की अदालत ने 17 नवंबर 2022 को वाद को सुनवाई योग्य पाते हुए अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की आपत्ति को खारिज कर दिया। सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) की अदालत के आदेश के खिलाफ जिला जज की अदालत में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से याचिका दायर की गई।