पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का गुरुवार को 75 साल की उम्र में निधन हो गया. जीडीयू के पूर्व अध्यक्ष के निधन के खबर की पुष्टि उनकी बेटी शुभासिनी ने की है. शुभासिनी ने इसकी जानकारी माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू एप्प पर दी है। शरद यादव लंबे समय से बीमार चल रहे थे. राजनीतिक गलियारों में उनके निधन की खबर फैलते है शोक की लहर दौड़ गयी.
तेजस्वी ने जताया दुःख
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यावद ने शरद यादव के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि मंडल मसीहा, राजद के वरिष्ठ नेता, महान समाजवादी नेता शरद यादव जी के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूँ. कुछ कह पाने में असमर्थ हूँ. तेजस्वी ने बताया कि माता जी और भाई शांतनु से बात हुई। उन्होंने कहा कि दुःख की इस घड़ी में पूरा समाजवादी परिवार परिजनों के साथ है.
जे पी आंदोलन की देन थे शरद यादव
शरद यादव ने अपने कई दशक की राजनीति में काफी कुछ देखा है. बिहार में जेडीयू को जमीन पर मजबूत किया और कई अहम राजनीतिक घटनाओं में सक्रिय भूमिका निभाई. शरद यादव का जन्म 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में एक गांव में हुआ था. पढ़ाई के समय से ही उनकी राजनीति में दिलचस्पी रही , 1971 में उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रेरित होकर युवा नेता के तौर पर उन्होंने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया और कई बार गिरफ्तार भी हुए. सक्रिय राजनीति में उन्होंने साल 1974 में कदम रखा था. जेपी आंदोलन पहली बार मध्य प्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे.